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चार दिनों में 74,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने किये बाबा बर्फानी के दर्शन, उमड़ रहा श्रद्धालुओं का सैलाब

नई दिल्ली। कश्मीर की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए चल रही श्री अमरनाथ यात्रा का आज पांचवा दिन है। चौथे दिन मंगलवार को 22715 श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। इस के साथ ही पिछले चार दिनों में 74,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ के पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन किए हैं, जबकि 5,725 यात्रियों का एक और जत्था बुधवार को कश्मीर के लिए रवाना हुआ।

अधिकारियों ने कहा, “आज सुबह 5,725 यात्रियों का एक और जत्था भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए दो सुरक्षा काफिलों में रवाना हुआ। इनमें से 2514 यात्री 118 वाहनों के सुरक्षा काफिले में उत्तरी कश्मीर बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए, जबकि 3,211 यात्री सुरक्षा बलों की सुरक्षा में 120 वाहनों में सवार होकर दक्षिण कश्मीर नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुए।”

मौसम विभाग ने दोनों यात्रा मार्गों पर आमतौर पर बादल छाए रहने और सुबह के समय हल्की बारिश/गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है। यात्री या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से या फिर 14 किलोमीटर लंबे छोटे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन आधार शिविर में लौट आते हैं। समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना ​​है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।

इस वर्ष लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग, जुड़वां यात्रा मार्गों, दो आधार शिविरों और गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं ताकि यात्रा को सुचारू और दुर्घटना-मुक्त बनाया जा सके। दोनों मार्गों और पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से अधिक ‘लंगर’ (सामुदायिक रसोई) स्थापित किए गए हैं। इस वर्ष की यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक ‘सेवादार’ (स्वयंसेवक) यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। यात्रियों के लिए दोनों मार्गों पर हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH