लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के ज्वैलर्स डकैती कांड के आरोपी मंगेश यादव के पुलिस एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच की जाएगी।
यह जांच एसडीएम लंभुआ विदुषी सिंह द्वारा की जाएगी। पुलिस और प्रशासन ने इस एनकाउंटर को न्यायसंगत और कानून सम्मत बताया है, लेकिन विपक्षी दलों द्वारा इस पर सवाल उठाए गए हैं।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील डॉक्टर गजेंद्र सिंह यादव ने इस पुलिस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में केस दर्ज कराया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं। अखिलेश यादव ने कहा था कि मंगेश की जाति देखकर उसे सटाकर गोली मारी गई थी।
उन्होंने सोशल मीडिया पर बयान देते हुए लिखा, “दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्या की गई। अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट को बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है। इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायाल तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले की ये सबूत मिटा दिए जाएं।” अखिलेश यादव लगातार मंगेश यादव मामले को लेकर यूपी सरकार और एसटीफ पर आरोप लगा रहे हैं कि फर्जी तरीके से मंगेश यादव को गोली मारी गई।
6 सितंबर को समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जौनपुर मंगेश यादव के घर पहुंचा था। इस दौरान सपा नेता ने मंगेश के परिवार को सात्वना दिया। बता दें कि 28 अगस्त को सुल्तानपुर शहर के ठठेरी बाजार में भरत जी सर्राफा के यहां दिनदहाड़े करोड़ों की लूट हुई थी। इस लूटकांड में शामिल जौनपुर के बदमाश मंगेश यादव को एसटीएफ ने गुरुवार की सुबह एनकाउंटर में मार गिराया था। वहीं तीन बदमाशों सचिन सिंह, गोविंद सिंह और त्रिभुवन उर्फ लाला को एनकाउंटर के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं गिरोह का के सरगना विपिन सिंह ने रायबरेली कोर्ट में गैंगस्टर मामले में सरेंडर कर दिया था।