नई दिल्ली। नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी का पूजन किया जाता है, जो कि माता का एक दिव्य रूप है. इस स्वरूप में माता शेर पर विराजमान हैं और उनके सिर पर एक सुंदर मुकुट है. माता की चार भुजाएं हैं. यह मान्यता है कि इस स्वरूप की पूजा करने से विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती हैं. आइए, जानते हैं कि नवरात्रि के इस दिन मां कात्यायनी की पूजा कैसे करनी चाहिए, पूजा की विधि, मंत्र और माता को भोग में क्या अर्पित करना चाहिए.
नवरात्रि के छठे दिन का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:39 से 5:28 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2:06 से 2:53 बजे तक होगा. निशिथ काल मध्यरात्रि 11:45 से 12:34 बजे तक रहेगा. गोधूलि बेला शाम 6:01 से 6:25 बजे तक होगी. अमृत काल सुबह 9:12 से 10:40 बजे तक निर्धारित है
मां कात्यायनी मंत्र
कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी.
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः.