लखनऊ। पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। जमानत मिलने के बाद सोनभद्र जेल में बंद सुंदर भाटी की गुपचुप रिहाई भी हो गई। रिहाई के बाद गैंगस्टर सुंदर भाटी गुरुवार को फ्लाइट से वाराणसी से सीधे दिल्ली चला गया। सुंदर भाटी पर हत्या, अवैध वसूली, जानलेवा हमले समेत गंभीर अपराध के 60 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। फिलहाल एसटीएफ की टीम उसकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे प्रभावशाली गैंगस्टरों में से एक माने जाने वाला भाटी गौतम बुद्ध नगर जिले के घंघोला गांव का रहने वाला है और उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, डकैती और हमले के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। सोनभद्र में नजरबंदी से पहले भाटी को हमीरपुर जेल में रखा गया था, जहां उसने कथित तौर पर अप्रैल 2023 में प्रयागराज में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के आरोपी तीन बंदूकधारियों में से एक सनी के साथ संपर्क स्थापित किया था। कहा जाता है कि भाटी ने सनी को अपने नेटवर्क में भर्ती किया था।
इस सिलसिले में अतीक-अशरफ मामले से जुड़ी जांच में भाटी का नाम सामने आया है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भाटी ने तुर्की में निर्मित विदेशी सेमी-ऑटोमैटिक जिगाना पिस्तौल की सप्लाई शूटरों तक करवाई थी।
हमीरपुर जेल से सनी की रिहाई के बाद, वह कथित तौर पर भाटी के साथियों के संपर्क में रहा। साथ ही आखिरकार भाटी के नेटवर्क के माध्यम से जिगाना पिस्तौल भी हासिल की। अतीक-अशरफ हत्याकांड के ठीक एक महीने बाद मई 2023 में अपने प्रतिद्वंद्वी अनिल दुजाना की मुठभेड़ में हत्या के बाद गिरोह के सरगना का प्रभाव कथित तौर पर बढ़ गया है।
माना जाता है कि दुजाना की मौत के बाद, भाटी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्क्रैप कारोबार पर अपना नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास किया। भाटी और उसके साथियों ने साल 2015 में ग्रेटर नोएडा में एक शादी समारोह के दौरान सपा नेता हरेंद्र नागर और उनके गनर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं साल 2021 में भाटी और उसके 11 साथियों को हत्याओं के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।