लखनऊ/गोंडा| आदिवासी और वनवासी समाज को मुख्यधारा में लाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनवरत प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव दिखाई देने लगा है। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर साल वनटांगिया समाज के साथ दीपावली का पर्व मनाते हैं। वहीं योगी सरकार की ओर से एक नई पहल के तहत वनटांगिया दीपोत्सव 2024 के लिए वनटांगिया समुदाय के घरों और गांव को दीपावली के अवसर पर चटख रंगों और अल्पनाओं से सजाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘जीरो पॉवर्टी’ मिशन के तहत, गोंडा के रामगढ़ और महेशपुर गांवों के वनटांगिया परिवारों के घरों की पेंटिंग कराई जा रही है। इस पहल का उद्देश्य न केवल इन ग्रामीण परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना है, बल्कि उनके जीवन में उत्साह और त्योहारों की खुशी का वातावरण बनाना है।
घरों को नई पहचान दे रहीं लोक चित्रकला और अल्पनाएं
योगी सरकार की इस पहल के तहत घरों की दीवारों पर रंग-बिरंगी पेंटिंग्स और अल्पनाओं का काम किया गया है, जिसमें प्रमुख रूप से लाल, पीला, हरा और नीला जैसे चटख रंगों का उपयोग हुआ है। इसके साथ ही दीवारों पर पारंपरिक लोक चित्रकला और अल्पनाओं से सजी सुंदर कलाकृतियां इन घरों को एक नई पहचान दे रही हैं। रामगढ़ वन टांगिया गांव के निवासी मनीराम और अनिल कुमार ने बताया कि पहली बार उनके घर इतने खूबसूरत और त्योहारों की खुशी से सजे-संवरे नजर आ रहे हैं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य केवल घरों को सुंदर बनाना नहीं था, बल्कि यह वनटांगिया समुदाय में स्वच्छता, सुंदरता और आत्मसम्मान की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए थी। दीपावली का पर्व खुशियों और प्रकाश का प्रतीक है। प्रशासन की इस पहल के माध्यम से वनटांगिया समुदाय के परिवारों में उत्सव का एक नया रंग भरने का प्रयास किया गया है।
वनटांगिया परिवारों को योगी सरकार देगी उपहार
मुख्यमंत्री के निर्देश पर वनटांगिया दीपोत्सव के तहत 27 अक्टूबर को एक विशेष समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें वनटांगिया समुदाय के परिवारों को उपहार, कपड़े और दैनिक जीवन की अन्य आवश्यक वस्तुएं दी जाएंगी। इसके साथ ही, 24 और 25 अक्टूबर को विशेष स्वच्छता अभियान और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी किया गया, जिसमें ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया है। इस नई पहल ने वनटांगिया परिवारों में उत्सव का नया रंग भर दिया है और योगी सरकार का यह कदम ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।