लखनऊ। लखनऊ में पुलिस हिरासत में मौत मामले में चिनहट थाने के प्रभारी (एसएचओ) अश्वनी चतुर्वेदी को तत्काल प्रभाव से पद से हटाते हुए निलंबित कर दिया गया है। बता दें, मृतक के परिजनों ने चिनहट इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है। लखनऊ पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक चिनहट थाने में हुई घटना में परिजनों द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर बीएनएस की धारा १०३(१), ६१(२) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले की विवेचना प्रभारी निरीक्ष्क गोमती नगर विस्तार को दी गई है। पुलिस के मुताबिक पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में ‘Cause of death could not be ascertained, hence viscera preserved for chemical analysis and heart preserved for histopathological examination’ आया है। साथ ही मामले में प्रभारी निरीक्षक के ऊपर लगे आरोपों व दर्ज मुक़दमे के चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
उनकी जगह सब इंस्पेक्टर भरत पाठक को चिनहट थाने का नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है। बता दें कि राजधानी लखनऊ की चिनहट कोतवाली में पुलिस हिरासत में मोहित पांडेय की मौत हो गई। जिसको लेकर अब यूपी में सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, बसपा सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर योगी सरकार निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि लखनऊ, यूपी में पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया और अगली सुबह एक की मौत हो गई। एक पखवाड़े में यूपी पुलिस की हिरासत में यह दूसरी मौत है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे की हत्या कर दी। यूपी हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश में भाजपा ने ऐसा जंगलराज कायम किया है, जहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन चुकी है। जहां कानून के रखवाले ही जान ले रहे हों, वहां जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस घटना को लेकर एक्स पोस्ट में लिखा था कि यूपी की राजधानी लखनऊ में पुलिस हिरासत में व्यापारी मोहित पांडेय की कथित तौर पर हुई मौत की घटना पर परिवार एवं लोगों में रोष व आक्रोश व्याप्त होना स्वाभाविक। यह घटना अति-निन्दनीय। सरकार पीड़ित परिवार को न्याय देने के लिए प्रभावी कदम अवश्य उठाए।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इस मामले को लेकर योगी सरकार को घेरा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि यूपी की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस ‘हिरासत में मौत (हत्या पढ़ा जाए)’ का दूसरा समाचार मिला है। नाम बदलने में माहिर सरकार को अब ‘पुलिस हिरासत’ का नाम बदलकर ‘अत्याचार गृह’ रख देना चाहिए। पीड़ित परिवार की हर मांग पूरी की जाए, हम उनके साथ हैं।
इन सबके बीच, पुलिस हिरासत में मोहित पांडे की मौत का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें उसकी तबीयत बिगड़ती दिख रही है। फुटेज में नजर आ रहा है कि लॉकअप में एक अन्य शख्स मोहित की मदद करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, पीड़ित परिजनों का आरोप है कि कस्टडी में पिटाई की गई थी जिसके बाद उसकी मौत हो गई। जबकि, पुलिस का दावा है कि मोहित की सेहत अचानक बिगड़ गई और अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।