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प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया, डीएम बोले- स्टूडेंट्स बात करने को तैयार नहीं

प्रयागराज। पीसीएस-2024 (प्रारंभिक) और आरओ/एआरओ-2023 (प्रारंभिक) परीक्षा दो दिवस में कराने के निर्णय पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के अडिग रहने और उधर छात्रों के भी बिना एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय आए आयोग के गेट से न हटने के कारण स्थितियां जटिल होती जा रही हैं। प्रदर्शन खत्म करने के लिए डीएम, कमिश्नर और आयोग के सचिव की अपील और दो दिवसीय परीक्षा व नार्मलाइजेशन प्रक्रिया के पक्ष में दिए जा रहे तर्क छात्रों ने ठुकरा दिए। कहा, एक दिवसीय परीक्षा का निर्णय लेंगे तभी आयोग के सामने से हटेंगे।

इसी बीच अब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिया है। बताया जा रहा है कि 4 दिन से धरने पर बैठे छात्रों को पुलिस ने प्रदर्शनस्थल से हटाने की कोशिश की है। सुबह-सुबह तमाम पुलिसकर्मी सादे कपड़ों में पहुंचे हैं और प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कुछ छात्रों को हिरासत में लिया है।

प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदार बताते हैं कि आयोग और उसका प्रतिनिधिमंडल प्रदर्शनकारी छात्रों से बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन वो (छात्र) बातचीत करने को तैयार नहीं हैं। प्रयागराज डीएम ने कहा, ‘हमने प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करने की कोशिश की। हमने उनसे एक प्रतिनिधिमंडल बनाने का अनुरोध किया और हम उन्हें आयोग से बात करने के लिए कहेंगे ताकि हम कोई समाधान निकाल सकें। प्रदर्शनकारी छात्र सुनने को तैयार नहीं हैं और उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया। हमने उनसे बार-बार बात करने की कोशिश की है, क्योंकि आयोग और उसका प्रतिनिधिमंडल भी संवाद करने के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया और संवाद करने के लिए तैयार नहीं हैं।’

प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की मांग क्या है?

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की तैयारी कर रहे छात्रों ने बुधवार को प्रयागराज में यूपीपीएससी भवन के बाहर विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन कैंडल मार्च निकाला। अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि यूपीपीएससी परीक्षाएं, खास तौर पर प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) और समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षाएं एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएं, जैसा कि पहले किया जाता था। उनका मानना ​​है कि इससे प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और अधिक प्रबंधनीय हो जाएगी। विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब यूपीपीएससी ने घोषणा की कि आरओ-एआरओ परीक्षाएं दो दिनों में कई शिफ्टों में आयोजित की जाएंगी।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH