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भारत आज 10वीं सबसे बड़ी औद्योगिक शक्ति : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, दसवीं सबसे बड़ी औद्योगिक शक्ति, 68वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या, राष्ट्र के नाम संबोधनpranab mukherji address to nation
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, दसवीं सबसे बड़ी औद्योगिक शक्ति, 68वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या, राष्ट्र के नाम संबोधन
pranab mukherji address to nation

नई दिल्ली| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को यहां कहा कि 1951 के मुकाबले आज भारत वैज्ञानिक और तकनीकी जनशक्ति के दूसरे सबसे बड़े भंडार, तीसरी सबसे विशाल सेना, परमाणु समूह के छठे सदस्य, अंतरिक्ष की दौड़ में शामिल छठे सदस्य के साथ ही दसवीं सबसे बड़ी औद्योगिक शक्ति है।

देश के 68वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में मुखर्जी ने कहा, “1951 में 36 करोड़ की आबादी की तुलना में, अब हम 1.3 अरब आबादी वाले एक मजबूत राष्ट्र हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रति व्यक्ति आय में 10 गुना वृद्धि हुई है, गरीबी अनुपात में दो-तिहाई की गिरावट आई है।”

राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, “आज हम विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था हैं। एक निवल खाद्यान्न आयातक देश से भारत अब खाद्य वस्तुओं का एक अग्रणी निर्यातक बन गया है। अब तक की यात्रा घटनाओं से भरपूर, कभी-कभी कष्टप्रद, परंतु अधिकांश समय आनंददायक रही है।”

उन्होंने कहा, “हमारे संस्थापकों द्वारा निर्मित लोकतंत्र की मजबूत संस्थाओं को यह श्रेय जाता है कि पिछले साढ़े छह दशकों से भारतीय लोकतंत्र अशांति से ग्रस्त क्षेत्र में स्थिरता का मरुद्यान रहा है।”

राष्ट्रपति ने कहा, “राष्ट्र के संस्थापकों ने, बुद्धिमत्ता और सजगता के साथ भारी क्षेत्रीय असंतुलन और बुनियादी आवश्यकताओं से भी वंचित विशाल नागरिक वर्ग वाली एक गरीब अर्थव्यवस्था की तकलीफों से गुजरते हुए नए राष्ट्र को आगे बढ़ाया।”

राष्ट्रपति ने कहा, “मैं उन वीर सैनिकों और सुरक्षाकर्मियों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।”

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