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सर्वोच्च न्यायालय का विमुद्रीकृत नोटों पर सरकार से सवाल

सर्वोच्च न्यायालय, विमुद्रीकृत नोटों पर सरकार से सवालसर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को सरकार से पूछा कि उसने लोगों को नोटबंदी के बाद अमान्य हुए अपने पुराने नोट 31 दिसंबर के बाद जमा करने का कानूनी विकल्प प्रदान क्यों नहीं किया।

सर्वोच्च न्यायालय, विमुद्रीकृत नोटों पर सरकार से सवाल
सर्वोच्च न्यायालय

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने सरकार से पूछा कि जो लोग 31 दिसंबर तक अपने पुराने नोट जमा नहीं करा पाए, उनके लिए ऐसी व्यवस्था का प्रावधान क्यों नहीं किया गया।

अदालत ने सरकार को इस संबंध में शपथपत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। अदालत ने सवाल किया, “आपने (कानून के तहत) एक और खिड़की खोलने का विकल्प क्यों नहीं दिया। आपके पास 20 कारण हो सकते हैं।”

सर्वोच्च न्यायालय ने यह सवाल तब पूछा जब महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने कहा संसद ने सरकार को विकल्प दिया था, लेकिन सरकार ने उसे नहीं अपनाने का फैसला किया क्योंकि उसे ऐसा करना उचित नहीं लगा।

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