Spiritual

जन्मपत्रिका में हो केमद्रुम योग तो सम्पूर्ण जीवन संघर्षमय

धोखा देने वाले होते हैं मेष राशि वाले, राशियों का सीधा असर व्यक्ति के स्वभाव पर, मेष राशि के लोगों को स्वतंत्रता पसंदjanam kundali

दुःखी रोगी व दरिद्र बनाता है केमद्रुम योग

नियति के अनुसार मनुष्य की जन्मपत्रिका में कई बार ऐसे दुर्योगों का सृजन हो जाता है जिससे उसका सम्पूर्ण जीवन संघर्षमय व्यतीत होता है। उसे पग-पग पर हानि व असफलताओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक भयानक योग है केमद्रुम योग।

दुःखी रोगी व दरिद्र बनाता है केमद्रुम योग, जन्मपत्रिका में केमद्रुम योग, जन्मपत्रिका में दुर्योगों का सृजन, एक भयानक योग है- केमद्रुम योग
janam kundali

ज्योतिष शास्त्रों में इस योग के सम्बन्ध में उल्लेख है कि यदि केमद्रुम योग हो तो मनुष्य स्त्री, अन्न, घर, वस्त्र व बन्धुओं से विहीन होकर दुःखी, रोगी व दरिद्र ही होता है चाहे उसका जन्म किसी राजा के यहां ही क्यों न हुआ हो।

यह भी पढ़ें- भगवान श्री गणेश को तुलसी है अप्रिय, जानिए क्यों ?

किन ग्रह स्थितियों में होता है इस योग का सृजन

जब जन्मपत्रिका में चन्द्र से द्वितीय व द्वादश स्थान में कोई ग्रह नहीं हो,  चन्द्र की किसी ग्रह से युति न हो, चन्द्र से दशम स्थान में कोई ग्रह स्थित न हो एवं चन्द्र जन्मपत्रिका के केन्द्र स्थानों में भी स्थित ना हो तो दरिद्रतादायक ‘केमद्रुम योग’ बनता है।

इस योग में जन्म लेने वाला जातक सदैव संघर्षमय जीवन व्यतीत करता है। उसे अथक परिश्रम के बाद भी अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं होती है। सानन्द जीवन-यापन के लिए केमद्रुम योग की शान्ति करवाना श्रेयस्कर होता है।

=>
=>
loading...