नई दिल्ली। 2008 के मालेगांव ब्लास्ट के आरोपी कर्नल श्रीकांत पुरोहित ने 9 साल बाद आजादी की सांस ली। 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल पुरोहित की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान कर्नल पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि न्याय के हित में पुरोहित को जमानत मिलनी चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए जमानत दी है। पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया गया। पुरोहित ने ATS पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया है।
कर्नल पुरोहित ने अपनी याचिका में कहा कि हाईकोर्ट ने इसी आधार पर साध्वी प्रज्ञा को जमानत दे दी लेकिन उनको जमानत देने से इनकार कर दिया इसलिए उन्हें भी समानता के आधार पर जमानत दे दी जाए। हालांकि एनआईए ने उन्हें जमानत देने का विरोध किया था।
पिछली सुनवाई में पुरोहित की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दावा किया था कि वो सेना की इंटेलिजेंस यूनिट के लिए काम कर रहे थे। इसी मकसद से वो ब्लास्ट के आरोपी संगठन अभिनव भारत की बैठक में शामिल हुए थे, लेकिन बाद में राजनीतिक कारणों से उन्हें धमाके का आरोपी बना दिया गया।