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जीवन में सफल होना है तो आज ही बदलें सोने का तरीका, वर्ना हो जाएंगे कंगाल

मुंबई। हम अपने रोज की दिनचर्या में कई काम ऐसे करते हैं जिनका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। वह नकारात्मक या सकारात्मक दोनों रुप में हो सकता है। हिंदू शास्त्रों और वास्तुविदों के अनुसार, सोते समय अपने पैर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखना गलत है। ऐसा करने से आपके शरीर,दिल और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। आज हम आपको ये बताएंगे कि किस दिशा में सिर और किस दिशा में पैर करके सोना चाहिए, और गलत दिशा में सोने से क्या नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

दक्षिण दिशा:

वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा में यमलोक स्थित है और यदि आप सोते समय अपने पाँव दक्षिण दिशा की ओर कर के सोते हैं तो इसका मतलब है कि आप यमलोक की ओर जा रहे हैं इसलिए दक्षिण दिशा को नकारात्मक ऊर्जा की दृष्टि से देखा जाता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो उत्तर और दक्षिणी ध्रुव जब मिलते है तो वहाँ चुम्बकीय ऊर्जा प्रवाहमान होती है। इसीलिए उत्तरसे दक्षिणी दिशा की ओर चुम्बकीय ऊर्जा विद्यमान होती है। उत्तर दिशा की ओर धनात्मक प्रवाह रहता है और दक्षिण दिशा की ओर ऋणात्मक प्रवाह रहता है। हमारा सिर का स्थान धनात्मक प्रवाह वाला और पैर का स्थान ऋणात्मक प्रवाह वाला है। यह दिशा बताने वाले चुम्बक के समान है जिससे दक्षिण दिशा की ओर पैर करके सोने से हमारे शरीर में चुम्बकीय ऊर्जा प्रवाहित होती है और जब हम सुबह उठते है तो शरीर को थका थका सा महसूस होता है। शारीरिक ऊर्जा क्षीण हो जाती है जबकि दक्षिण दिशा ओर सिर रखकर सोने से इस तरह की कोई अनुभूति नही होती।

उत्तर दिशा:

वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार उत्तर दिशा में धनात्मक या सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है। चूँकि हमारे सिर में भी धनात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और पैरो से ऋणात्मक ऊर्जा का निकास होता है। यह भी दिशा बताने वाले चुम्बक के नियम के समान कार्य करता है कि धनात्मक प्रवाह वाले आपस में मिल नहीं सकते। यदि हम अपने सिर को उत्तर दिशा की ओर रखेंगे तो उत्तर दिशा की धनात्मक शक्ति और सिर की धनात्मक तरंग एक दूसरे से विपरित भागेगी जिससे हमारे मस्तिष्क में बेचैनी बढ़ जाएगी और फिर नींद अच्छे से नहीं आएगी।

पूर्व दिशा:

पूर्व दिशा वास्तु के अनुसार सोने के लिए बहुत अच्छी मानी गयी है। पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से ध्यान,एकाग्रता,आध्यात्मिकता और स्मृति में वृद्धि होती है। एक विद्यार्थी के लिए तो पूर्व दिशा में सिर रखकर सोना बहुत ही गुणकारी माना गया है। अतः पूर्व दिशा की ओर सिर रखकर सोना सबसे लाभप्रद माना गया है।

पश्चिम दिशा:

पश्चिम दिशा की ओर सिर रखकर नही सोना चाहिए। वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में सूर्य देव और अन्य सभी देवी-देवताओ का वास होता है। यदि हम पश्चिम दिशा में सिर रखकर सोयेंगे तो पूर्व दिशा की ओर हमारे पैर होंगे और देवी-देवताओ की ओर पैर करके सोना अशुभ माना गया है जिससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पश्चिम दिशा की ओर सिर रखकर सोने से बुरे बुरे सपने आते है और मन में बेचैनी रहती है। अतः पश्चिम दिशा की ओर सिर रखकर कभी नही सोना चाहिए।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH