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सांप्रदायिक संघर्षो के बाद श्रीलंका में आपातकाल घोषित

कोलंबो, 6 मार्च (आईएएनएस)| श्रीलंका के कैंडी क्षेत्र में बौद्धों और मुस्लिमों के बीच हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद मंगलवार को देश में 10 दिनों के लिए आपातकाल घोषित कर दिया गया। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई। देश के मध्य हिस्से में रविवार को बहुसंख्यक बौद्ध और अल्पसंख्यक मुस्लिमों के बीच भिड़ंत हुई, जिसमें यह मौतें हुई। करीब 20 दुकानों को जला दिया गया। दर्जन भर से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

राष्ट्रपति कार्यालय की मीडिया शाखा ने ट्वीट कर कहा कि राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और कैबिनेट ने 10 दिनों के लिए आपातकाल लगाने का फैसला किया। द्वीप पर हालात सामान्य करने के लिए आपराधिक तत्वों से लोहा लेने के लिए सुरक्षा कर्मियों को अधिकार दिए गए हैं।

सिरिसेना कार्यालय का बयान प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे द्वारा संसद में दिए गए इस बयान के बाद आया कि सरकार आपातकाल लगाने के बारे में विचार कर रही है।

भारतीय क्रिकेट टीम बांग्लादेश के साथ एक त्रिपक्षीय श्रृंखला के लिए फिलहाल श्रीलंका में है। देश के खेल मंत्री दयासिरी जयशेखरा ने कहा कि इस वक्त किसी मैच को रद्द करने का कोई सवाल नहीं उठता है।

समाचार एजेंसी एफे की खबर के मुताबिक, सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा पर विचार के लिए एक विशेष बैठक भी बुलाई। इस हिंसा में मुस्लिम और सिंहली शामिल हैं। सिंहलियों में अधिकतर लोग बौद्ध समुदाय के हैं।

इससे पहले दिन में, 28 वर्षीय मुस्लिम शख्स का शव कैंडी प्रांत के तेलदीनिया से बरामद किया गया जिससे इलाके में अशांति फैल गई। उसके मकान में कथित रूप से बौद्ध चरमपंथियों ने आग लगा दी थी। उसने अपने अभिभावकों को तो घर से बाहर निकाल दिया लेकिन खुद घर के अंदर फंसा रह गया।

यह भवन एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी था जिसमें करीब 20 दुकानें थी जिनमें आग लगा दी गई। इसके अलावा कट्टरपंथियों ने एक मस्जिद में भी आग लगा दी।

तेलदीनिया में बौद्ध समुदाय के एक शख्स की मौत के परिणामस्वरूप अधिकारियों ने सोमवार को कर्फ्यू लगाया और कैंडी में हिंसा के लिए 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। चार मुस्लिम युवकों के साथ झड़प में उसकी हत्या कर दी गई थी।

श्रीलंका की कुल आबादी में सत्तर फीसदी बौद्ध हैं। मुसलमानों की संख्या महज ग्यारह फीसदी है।

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