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शांति के लिए भारत को ‘मजबूत सैन्य बल’ की जरूरत : राष्ट्रपति

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जामनगर (गुजरात) | भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए उसे एक ‘प्रभावी शक्ति संतुलन’ और ‘मजबूत सैन्य बल’ की जरूरत है। ये बातें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को यहां कहीं। राष्ट्रपति ने कहा कि देश आर्थिक विकास के लिए कठिन प्रयास कर रहा है, लेकिन इसके साथ ही अपनी सेनाओं की क्षमता बढ़ाने पर भी समान रूप से ध्यान केंद्रित कर रहा है।

राष्ट्रपति यहां जामनगर हवाई अड्डे पर वायुसेना की 119 हेलीकॉप्टर यूनिट को ‘प्रेसिडेंट्स स्टैंडर्ड’ और 28 इक्विप्मेंट डिपो को ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ से सम्मानित करने आए थे। उन्होंने कहा कि सैन्य बलों से देश में किसी भी आक्रमण का सामना करने का विश्वास पैदा होता है।वायुसेना की प्रमुख उड़ान ईकाइयों में से एक 119 हेलीकाप्टर यूनिट के पास देश के नवीनतम हेलीकॉप्टर एमआई-17 वी-5 हैं। इस यूनिट को ‘द स्टालियन्स’ के नाम से भी जाना जाता है।

यह यूनिट कई बड़े अभियानों का हिस्सा रही है। इनमें नेपाल में अप्रैल 2015 में आए भूकंप के बाद राहत कार्य, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में कार्रवाई, 2004 में सुनामी के बाद राहत एवं बचाव कार्य, 1988 में मालदीव में तख्तापलट की कोशिश को रोकने के लिए चलाया गया अभियान ‘ऑपरेशन कैक्टस’, श्रीलंका के जाफना में 1987 में चलाया गया ‘ऑपरेशन पवन- द इंडियन पीसकीपिंग फोर्स (आईपीकेएफ)’, नागालैंड में उग्रवादियों के खिलाफ अभियान और अरुणाचल प्रदेश में ‘ऑपरेशन फॉल्कन’ शामिल हैं।

इस यूनिट को अब तक एक वीर चक्र, पांच शौर्य चक्र, चार युद्ध सेवा पदक, एक विशिष्ठ सेवा पदक और 10 वायुसेना पदक से नवाजा जा चुका है। वायुसेना का 28 इक्विप्मेंट डिपो हथियारों, गोला बारूदों के लिए स्टोर का काम करता है। ‘प्रेसिडेंट्स स्टैंडर्ड’ और ‘प्रेसिडेंट्स कलर्स’ सम्मान वायुसेना की किसी यूनिट या स्क्वाड्रन को उसकी अतुल्य सेवा के लिए दिए जाने वाले सर्वोच्च सम्मानों में शामिल हैं।

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