नई दिल्ली। आप में से शायद ही कोई ऐसा होगा जिसके पास मोबाइल फोन नहीं होगा। अगर मोबाइल फोन है तो उसमें किसी ना किसी कंपनी का सिम कार्ड भी होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं, कि आपका यही सिम कार्ड आपको एक दिन कंगाल बना सकता है। हाल ही में मुंबई के एक कारोबारी के पास फोन पर रात में 6 मिस्ड कॉल आते ही 1.86 करोड़ रुपये की चपत लग गई। यह सब सिम स्वैपिंग यानि सिम बदलने के कारण हुआ। कारोबारी के खाते से ये रकम 28 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी गई।
आम तौर पर पढ़े-लिखे लोग इस तरह के अपराधों का शिकार होते है क्योंकि सुरक्षा को लेकर वो सजग नहीं होते और ऐसे में इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ता है। सोशल मीडिया के ज़रिये पहले तो आप पर नज़र रखी जाती है और आपकी जानकारियां जुटाई जाती हैं और फिर कई तरह लिंक भेजे जाते हैं जिनमें आपको क्लिक करके प्राइवेट इन्फर्मेशन भरने के लिए कहा जाता है। जैसे ही उनके पास आपकी जानकारियां आती हैं, वे आपके नाम का फर्जी आईडी कार्ड बना लेते हैं। कार्ड के ज़रिये ये ठग टेलिकॉम कंपनियों को नए सिम कार्ड कि रिक्वेस्ट भेज देते हैं, जैसे ही टेलिकॉम कंपनियां नया सिम कार्ड देती हैं, ठग नए सिम से आराम से OTP हासिल करके वित्तीय ट्रांजैक्शन कर लेते हैं। कई बार वे वायरस या मैलवेयर की मदद से भी जानकारियां जुटा लेते हैं।
अगर ठगी से बचना है तो किसी भी टेलिकॉम कंपनी के कॉल आने पर अपनी जानकारी को साझा ना करें। आपको बता दें कि ये स्कैमर्स अक्सर 20 डिजिट वाले सिम कार्ड नंबर के बारे में पूछते हैं। ऐसे में उन्हें किसी भी तरह की जानकारी ने दें वरना लेने के देने पड़ सकते हैं। स्कैमर्स सिम कार्ड नंबर पता करने के बाद 1 नंबर दबाने के लिए कहते हैं, जिससे की ऑथेंटिकेशन पूरा हो जाए। इसके लिए एक नंबर को प्रेस न करें। वहीं अगर बैंक से कॉल आता है और वो इस तरह से कुछ पूछे तो जानकारी देने से बचे।