हेमिल्टन। टीम इंडिया को हेमिल्टन में खेले गए सीरीज़ के चौथे वनडे मैच में करारी हार झेलनी पड़ी है। टीम इंडिया पहले बल्लेबाज़ी करते हुए महज़ 92 रनों पर ढेर हो गई। फिर जीत के लिए जरूरी 93 रन का लक्ष्य महज 14.4 ओवर में दो विकेट खोकर हासिल कर लिया। भारत को 92 रन के स्कोर पर समेटने में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने 10 ओवर में 4 मेडन रखते हुए पांच विकेट हासिल किए। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मैच में चहल से सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने 18 रनों की पारी खेली। ये टीम इंडिया का वनडे क्रिकेट में सातवां सबसे न्यूनतम स्कोर है। इसके अलावा, इस मैच में न्यूजीलैंड ने 212 गेंदे शेष रहते हुए भारत को आठ विकेट से हरा दिया। ऐसे में शेष गेंदों के लिहाज से भारत की वनडे क्रिकेट में सबसे बड़ी हार भी है।
भारतीय टीम का सबसे न्यूनतम स्कोर साल 2000 में शारजाह में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए मैच में था, जब श्रीलंका ने उसकी पारी को केवल 54 रनों पर ही समेट दिया था। यह भारत का वनडे मैच में अब तक का सबसे कम स्कोर है। इसके अलावा, 1981 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में वनडे मैच में भारत ने 63 रन बनाए थे, वहीं 1986 में श्रीलंका के खिलाफ कानपुर में उसने 78 रनों का स्कोर बनाया था। सियालकोट में 1978 में पाकिस्तान के खिलाफ भारत का स्कोर 79 था, वहीं दाम्बुला न्यूजीलैंड के खिलाफ 2010 में 88 रनों का स्कोर रहा।
भारत ने 2006 में डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए मैच में 91 रनों का स्कोर बनाया था और अब न्यूजीलैंड के खिलाफ गुरुवार को हेमिल्टन वनडे मैच में उसका सातवां सबसे न्यूनतम स्कोर निकलकर आया है। न्यूजीलैंड ने हेमिल्टन में खेले गए चौथे वनडे मैच में शेष गेंदों के लिहाज से भारत को सबसे बड़ी हार दी है। इससे पहले, 2010 में श्रीलंका के खिलाफ दाम्बुला में उसे शेष गेंदों के लिहाज से सबसे बड़ी हार मिली थी। श्रीलंका ने 22 अगस्त, 2010 में भारत की पारी को 209 गेंदें शेष रहते हुए समेटते हुए आठ विकेट से जीत हासिल की लेकिन अब न्यूजीलैंड ने 212 गेंदें शेष रहते हुए आठ विकेट से हराकर सबसे बड़ी हार का स्वाद चखाया है।