मेरठ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई हिंसा का एक वीडियो मेरठ पुलिस ने जारी किया है प्रदर्शनकारी 30 पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश का करते हुए दिखाई दे रहे हैं। घटना 20 दिसंबर को लिसाड़ी गेट पर हुई, जब प्रदर्शनकारियों ने दुकान को बाहर से बंद कर दिया और वहां आग लगाने की कोशिश की। हालांकि, एसएसपी अजय साहनी समय रहते मौके पर पहुंच गए और उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को वहां से बाहर निकाला। फिलहाल पुलिस इस घटना को अंजाम देने वाले उपद्रवियों की तलाश में जुट गई है।
बता दें कि मेरठ के थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र में सीएए के विरोध में हिंसक भीड़ ने उपद्रव किया था। इस मामले में अब तक 13 मुकदमें दर्ज किए गए हैं। जिसमें करीब 148 लोग नामजद और 500 से ज्यादा लोग अज्ञात हैं। पुलिस ने उपद्रव में शामिल लोगों के फोटो और वीडियो के आधार पर शिनाख्त की है। जिनके पोस्टर भी शहर में चस्पा कर दिए गए हैं।
वहीं, नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हिंसा के मास्टरमाइंड के रुप में पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठन के नाम सामने आए हैं। वहीं, इस मामले में मेरठ के नौचंदी और लिसाड़ी गेट क्षेत्र से चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसी के साथ अब मेरठ पुलिस ने तीन उपद्रवियों के फोटो और जारी किए हैं, जो हिंसा वाले दिन पुलिस पर सीधे-सीधे फायरिंग करते नजर आ रहे हैं। पुलिस अब इन लोगों पर इनाम रखकर इनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है। पुलिस का मानना है कि फायरिंग करने वाले तीनों युवक पीएफआई से जुड़े हुए हैं।
इस मामले में मेरठ पुलिस ने एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष समेत अब तक इन दोनों संगठनों के चार लोगों को जेल भेज दिया है। जिसके बाद एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन करके इन संगठनों के और गुर्गों को खंगाला जा रहा है।