लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डॉक्टरों को बड़ा कमाल कर दिखाया है। यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों ने 9 घंटे की सर्जरी के बाद जुड़वा बच्चों को सफलतापूर्वक अलग कर दिया है। केजीएमयू में पहली बार इस तरह की सर्जरी की गई है। पांच विभाग के डॉक्टरों की टीम ने करीब नौ घंटे तक ऑपरेशन किया। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चों के जुड़े अंगों को बिना किसी नुकसान के अलग करना काफी मुश्किल था। सर्जरी के बाद दोनों बच्चों को आईसीयू में रखा गया है। एक डॉक्टर ने कहा कि असली परीक्षा तब होगी जब बच्चे भोजन करेंगे और उसे पचा भी पाएंगे। तब हम कह सकते हैं कि सर्जरी सही अर्थों में सफल रही है।
कुशीनगर निवासी मजदूर दंपती को 19 नवंबर 2019 को जुड़वां बच्चे हुए थे। गोरखपुर के अस्पताल में जन्मे बच्चे पेट से जुड़े हुए थे। जन्म के समय बच्चों को अलग करने के लिए सर्जरी नहीं की जा सकी। बच्चों की बढ़ती उम्र के साथ समस्या बढ़ने लगी। कई बड़े अस्पतालों में दिखाने के बाद डॉक्टरों ने एक साल के होने के बाद सर्जरी कराने की सलाह दी। लॉकडाउन होने के कारण दंपती आर्थिक संकट में आ गया। लोगों की मदद से केजीएमयू पहुंचे। यहां के डॉक्टरों ने शिशुओं की जांचें की और रिपोर्ट के आधार पर सर्जरी का प्लान तैयार किया।
सर्जरी में पीडियाट्रिक सर्जरी के प्रोफेसर कुरेल और जे.डी. रावत ने सर्जरी का समन्वय किया, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. अभिजीत चंद्रा और उनके सहयोगी डॉ. विवेक गुप्ता ने लीवर और फूड पाइप को अलग करने का काम किया। अंबरीश कुमार ने दिल और सीने को अलग करने का काम किया। एनेस्थीसिया विभाग की टीम जिसमें हेड प्रो.जी.पी. सिंह, विनीता सिंह और सतीश वर्मा ने सर्जरी में डॉक्टरों की सहायता की।