नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस के करीब 350 जवान घायल हो गए हैं। हिंसा के दौरान पुलिसकर्मियों ने पूरी तरह संयम बरता जिसका फायदा तथाकथित किसानों ने उठाया। किसानों ने पत्थर और डंडो ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया, जिसके बाद वो अपनी जान बचाते नजर आए। किसानों की हिंसा के कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए जिसमें साफ़ दिखाई दे रहा है कि किसानों की भीड़ किस तरह पुलिस वालों पर हमला कर रही है।
वहीं, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज पुलिस के घायल जवानों से मिलने अस्पताल जाएंगे। जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री आज दो अस्पतालों का दौरा करेंगे और खुद घायल जवानों से मिलेंगे और उनका हालचाल जानेंगे। सूत्रों के अनुसार शाह उत्तरी दिल्ली के उन दो अस्पतालों का दौरा करेंगे जहां पुलिस कर्मियों को भर्ती कराया गया है। इसके बाद गृहमंत्री लालकिला जा सकते हैं। दूसरी तरफ तोड़फोड़ के बाद पर्यटकों के लिए लालकिले को 31 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है।
पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों की पहचान करने के लिए वीडियो फुटेज का अध्ययन करना शुरू कर दिया है। उन लोगों की पहचान की जाएगी जिन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और दिल्ली पुलिस कर्मियों पर हमला किया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि किसानों ने 26 जनवरी को सुबह लगभग 8.30 बजे सिंघु सीमा पर लगभग 6,000-7,000 ट्रैक्टरों के साथ रैली की योजना बनाई थी। पहले से तय योजना के अनुसार, उन्हें संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर पहुंचना था और फिर वहां से दाहिना मोड़ लेना था। लेकिन प्रदर्शनकारियों में शामिल ‘निहंगों’ ने घोड़े पर सवार होकर हाथ में तलवार लिए मुकरबा चौक और ट्रांसपोर्ट नगर के बीच लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए।
दिल्ली पुलिस ने कहा, आईटीओ पर गाजीपुर और सिंघु सीमाओं से आए किसानों के एक समूह ने नई दिल्ली जिले में घुसने का प्रयास किया। जब उन्हें पुलिसकर्मियों ने रोका तो किसानों का एक वर्ग हिंसक हो गया और बैरिकेड्स तोड़ दिए और लोहे की ग्रिल को क्षतिग्रस्त कर दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सड़क के डिवाइडर और यहां तक कि अपने ट्रैक्टरों के साथ बैरिकेड्स पर तैनात पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की भी कोशिश की गई।