न्यूयार्क। म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना ने देश का नियंत्रण एक साल के लिए अपने हाथों में ले लिया है। सेना ने जनरल को कार्यकारी राष्ट्रपति नियुक्त किया है। म्यांमार सेना का कहना है कि चुनाव धोखाधड़ी के जवाब में तख्तापलट की कार्रवाई की गई है। इस तख्तापलट के साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में सेना की टुकड़ियों को तैनात किया गया है ताकि कोई विरोध न कर सके। तख्तापलट के बाद राष्ट्रपति विन मिंत, स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और सत्तारूढ़ नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
वहीं, म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद अमेरिका भड़क गया है। अमेरिका ने म्यांमार की सेना को चेतावनी देते हुए कहा है कि वहां जल से जल्द लोकतंत्र बहाल किया जाए। अमेरिका ने कहा है कि आंग सान सू की को तुरंत रिहा कर दिया जाए अन्यथा अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया के लिए तैयार रहें।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने म्यांमार में हुए तख्तापलट पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि ‘अमेरिका म्यांमार में हुए लोकतान्त्रिक चुनावों के परिणामों को बदलने या लोकतान्त्रिक ढाँचे को बदलने के किसी भी प्रकार के प्रयास का विरोध करता है। अगर ये प्रयास वापस नहीं लिया गया तो जो भी लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें।