नई दिल्ली। नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा में भाग लेते हुए किसानों के मुद्दे पर सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को किसान विरोधी बताते हुए दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगें मान लेने की अपील की।
अब्दुल्ला ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा, कानून हमने बनाए हैं। यदि वे चाहते हैं कि कानूनों को निरस्त किया जाए, तो हमें इस पर विचार करना चाहिए। अगर आप उनसे फिर बात कर लेंगे तो क्या खो देंगे? हम यहां समाधान करने के लिए हैं, बाधाएं पैदा करने के लिए नहीं। कृपया एक समाधान निकालें।
वहीं उन्होंने सत्ता पक्ष से अपील की कि वह ‘राम’ या ‘अल्लाह’ के नाम पर देश में भेदभाव पैदा न करें, क्योंकि ये सभी नाम एक ही ईश्वर के हैं, जिनके सामने हम झुकते हैं। अब्दुल्ला ने कहा कि भगवान ने हम सभी को एक जैसा ही बनाया है, चाहे वह हिंदू हो या मुसलमान।
उन्होंने ने कहा, आप मंदिर में जाते हैं तो मैं मस्जिद में जाता हूं, कुछ गुरुद्वारा या चर्च जाते हैं .. एक डॉक्टर कभी भी खून की बोतल को देखकर ये नहीं पूछता है कि ये खून हिंदू का है या मुसलमान का। उन्होंने कहा, राम पूरी दुनिया के हैं। राम हम सभी के हैं। इसी तरह कुरान सिर्फ हमारा नहीं, सबका है।