लखनऊ। लखनऊ किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश में बल्कि देश में एक अलग स्थान रखता है। यहां पर दूर-दराज से मरीज आते हैं और स्वस्थ होकर जाते हैं। ऐसी ही एक मरीज वंदना जिनकी उम्र 55 साल से अधिक थी पिछले कई सालों से कूल्हों की समस्या से परेशान थी।
चलने में लाचार और कोई काम करने में पूरी तरह से असमर्थ थी। जांच में पता चला कि इन्हें एनकाईलोसिग स्पोंडिलाइसिस नामक गंभीर बीमारी है। जिसके कारण पिछले कई सालों से चल फिर भी नहीं पा रही थीं।
कई जगह इलाज कराए गए लेकिन कोई सफलता नहीं मिली और परेशानी जस की तस बनी रही। जिसके बाद उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के अस्थि रोग विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नरेंद्र सिंह कुशवाहा से मुलाकात की और उन्हें अपनी इस गंभीर बीमारी के विषय में बताया। डॉक्टर नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने जांच में पाया कि कूल्हे की स्थिति काफी गंभीर है और उसका तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा।
डॉक्टर नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने वंदना का सफलतापूर्वक कूल्हा प्रत्यारोपण किया और हड्डी की ड्राफ्टिंग की। जिसके पश्चात सर्जरी के अगले ही दिन वंदना अपने पैरों पर खड़ी हो गई और ऑपरेशन के तीन दिन बाद बिना सहारे के चलने लगी। वंदना का कहना है कि इस ऑपरेशन के बाद उन्हें नया जीवन मिला है ।
इसी तरह बहराइच की ललिता जो पिछले कई सालों से चलने फिरने में असमर्थ थी उनका भी कूल्हा खराब हो गया था और तमाम डॉक्टरों से निराश होने के बाद किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में उन्होंने डॉक्टर नरेंद्र सिंह कुशवाहा से को दिखाया। उनका भी सफलतापूर्वक कूल्हा प्रत्यर्पण किया गया और अब ऑपरेशन के 24 घंटे बाद ही वह अपने पैरों पर खड़ी होने में सक्षम हो गई।