लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास, लखनऊ पर वर्चुअल माध्यम से विशेषज्ञ चिकित्सकों, इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और नर्सिंग होम एसोसिएशन के साथ प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति के सम्बन्ध में संवाद किया। सीएम योगी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 से लड़ाई, टीम वर्क और सामूहिक भावना के साथ समाज के प्रत्येक स्तर पर सभी के सहयोग व समन्वय से लड़नी होगी। विगत 4-5 दिनों में कोरोना केसेज में गिरावट और रिकवरी की दर में वृद्धि एक सुखद संकेत है। विगत वर्ष कोविड-19 के विरुद्ध संघर्ष में सफलता मिलने में सभी का सक्रिय सहयोग और योगदान रहा है। एक बार फिर इस आपदा के समय में हम सभी को धैर्यपूर्वक संक्रमण की चुनौती का सामना करना है।
उन्होंने कहा कि IMA और नर्सिंग होम एसोसिएशन के चिकित्सकों द्वारा मण्डलायुक्तों, अपर निदेशक स्वास्थ्य तथा स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय करते हुए प्रत्येक जनपद में कोविड व नाॅन कोविड रोगियों के लिए टेलीकंसल्टेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यदि मरीज भुगतान करने में असमर्थ है, तो इसकी व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। कोविड संक्रमित सभी गंभीर मरीजों की देखभाल के लिए बेड्स उपलब्ध कराए जाएं। यदि सरकारी अस्पताल में बेड्स की व्यवस्था न हो पाए, तो निजी अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन की उपलब्धता व आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस के माध्यम से ऑक्सीजन टैंकर्स लाए जा रहे हैं। हवाई सेवा के माध्यम से भी ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। विगत 04 वर्षों में प्रदेश में 03 दर्जन ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में की जा चुकी है। 39 चिकित्सा संस्थानों में ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना के सम्बन्ध में कार्यवाही चल रही है। कोविड की चेन को तोड़ना आवश्यक है। इसके लिए ‘ट्रेस, ट्रैक व ट्रीटमेंट’ के मूल मंत्र को अपनाते हुए निरन्तर सक्रिय कार्य करना होगा। उत्तर प्रदेश में 04 करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट सम्पन्न किए जा चुके हैं। पहले यहां टेस्ट की सुविधा नहीं थी, किन्तु आज हम दो से सवा दो लाख टेस्ट प्रतिदिन कर रहे हैं। 1.20 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है:कोविड बेड्स की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है।
प्रदेश में कोविड मरीजों के लिए L-1 सुविधा से लैस 1.16 लाख तथा L-2 और L-3 के 65,000 बेड्स उपलब्ध हैं:RT-PCR टेस्ट की क्षमता 10 मई, 2021 तक दोगुनी की जाएगी। इसके लिए लैब क्षमता का विस्तार किया जाए। इन प्रयासों में सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र को भी जुड़ना होगा:वरिष्ठ चिकित्सक कोविड अस्पतालों में राउण्ड लें। पैरामेडिक्स व साफ-सफाई की व्यवस्था रहे। कोविड मरीज का मनोबल बढ़ाया जाए। डाॅक्टर्स व पैरामेडिक्स तथा सफाई कर्मी स्वयं का बचाव करते हुए कोविड मरीजों की सेवा करें। SGPGI, लखनऊ के साथ वर्चुअल ICU के माध्यम से कोविड उपचार के सम्बन्ध में समन्वय स्थापित किया जाए।
उन्होंने कहा कि डाॅक्टर्स व पैरामेडिक्स के संक्रमित होने की स्थिति में प्रशिक्षित मानव संसाधन उपलब्ध रहें। वेंटिलेटर और HFNC क्रियाशील रहें। अस्पतालों में मनमानी वसूली को हर हाल में रोका जाए। होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड मरीजों से संवाद की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्हें मेडिकल किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कोविड के संबंध में भ्रांतियों को दूर करने में भी निजी क्षेत्र के चिकित्सक, IMA व नर्सिंग होम एसोसिएशन अपना सक्रिय योगदान दें।