लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीकेटी स्थित इमालिया गांव में ओंकार यादव पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। इनके घर में एक-दो नहीं बल्कि आठ लोगों की मौत पिछले 20 दिनों के अंदर हो चुकी है। इन आठ मौतों में सात कोरोना से, जबकि आठवें सदस्य के मौत हार्ट अटैक से हुई है। ओंकार यादव का दुःख इतना बड़ा है कि वो कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। ओंकार अपने चार भाई, दो बहनें और मां को खो चुके हैं। मौसी भी इतनी मौतों के सदमें को बर्दाश्त नहीं कर पाई और उनका भी हार्ट अटैक से निधन हो गया।
ओंकार ने कहा, मैंने सुबह अपनी मां का अंतिम संस्कार किया और फिर उसी दोपहर तीन भाइयों का अंतिम संस्कार किया। मेरे छोटे भाई और दो बहनों की अगले दिनों में मृत्यु हो गई। यादव ने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें ऑक्सीजन बेड और उचित इलाज नहीं दिया गया। सोमवार को उन्होंने परिवार के पांच सदस्यों की तेहरावी रस्म अदा की। शेष तीन सदस्यों के लिए अनुष्ठान बाद में किया जाएगा।
गांव के मुखिया मेवाराम ने कहा कि सरकार की ओर से एक भी प्रतिनिधि गांव में नहीं आया है। उन्होंने कहा कि मौतों के बावजूद गांव में सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा हमें अपना बचाव करने और इलाज के बिना मरने के लिए छोड़ दिया गया है।