नई दिल्ली। पाकिस्तान का आतंक के खिलाफ लड़ने का दावा एक बार फिर से झूठा साबित हुआ है। सोमवार को अफगानिस्तान के इस आतंकी संगठन के समर्थन में पाकिस्तानी अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ने रैली निकाली। हैरानी की बात यह है कि इस रैली का कोई विरोध नहीं किया गया। बता दें कि पाकिस्तान में दो दिन पहले तालिबानी झंडे मदरसों पर लहराए गये थे और मदरसे की छात्राओं ने तालिबान के समर्थन में गीत गाए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, आफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान के कई इलाकों में जश्न मनाया जा रहा है। खबर आ रही है कि काबुल की जेल से छूटे लश्कर की कई आतंकी भी पीओके में दाखिल हो चुके हैं। इसे लेकर भारत अलर्ट पर है।
वहीं, पीओके में तालिबान के समर्थन में एक रैली का आयोजन किया गया। इस रैली से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में आतंकियों को रैली में शामिल होते और गोलियां चलाते देखा जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रैली के बाद दोनों संगठनों के नेताओं ने रैलियों को संबोधित किया। गौरतलब है कि पाकिस्तान उन देशों में से एक है जिसने तालिबान का समर्थन किया है। तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि तालिबान ने गुलामियों की बेड़ियो को तोड़ दिया है।