पबजी की लत ने आजकल हर बच्चे को अपने वश में कर के रखा हुआ है। जिसकी वजह से उनके माता-पिता को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पबजी गेम के चक्कर में फसकर कई बार बच्चों ने अपने घर में चोरी की है, तो कई बार किसी जान तक चली गई है। इन सभी शिकायतों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने पबजी को बैन कर दिया था। हालांकि कई महीनों तक लोग वीपीएन ( वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल करके गेम को खेलते रहे, लेकिन बाद में कंपनी ने सर्वर से ही PUBG को हटा दिया गया था जिसके बाद से पबजी भारत में उपलब्ध नहीं था। अब पबजी मोबाइल का नया अवतार बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (Battlegrounds Mobile India) भारत में लॉन्च हुआ है।
मध्य प्रदेश में गेम खेलते हुए हार्ट अटैक से मौत
मोबाइल गेम को लेकर नया मामला मध्य प्रदेश के देवास में सामने आया है, जहां दीपक राठौर नाम के एक युवक की मौत गेम खेलने के दौरान हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 19 साल का दीपक पबजी गेम खेल रहा था, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। आशंका है कि दीपक पबजी नहीं, बल्कि बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया खेल रहा होगा या फ्री फायर खेल रहा होगा, क्योंकि आधिकारिक तौर पर पबजी भारत में बैन है। मौत के कारण की भी अभी पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन पहली नजर में इस हादसे को हार्ट अटैक बताया जा रहा है। परिजनों के मुताबिक दीपक पबजी गेम का आदि था और पिछले कई दिनों से कुछ ज्यादा ही गेम खेलता था। दीपक विकलांग था, ऐसे में वह अधिकतर घर पर ही रहता था और गेम खेलता था।
गेम खेलने वाले बच्चों पर अभिभावक रखें नजर
हाल ही में जब बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया भारत में लॉन्च हुआ था तो कंपनी ने कहा था कि गेम को 18 साल से कम उम्र के बच्चे नहीं खेल सकेंगे। यदि ऐसे बच्चे गेम को खेलना चाहते हैं तो अपने माता-पिता से इजाजत लेनी होगी और उनका मोबाइल नंबर देना होगा, हालांकि दीपक 19 साल का बताया जा रहा है। फिर एक अभिभावक के तौर पर माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों के फोन पर नजर रखें और संभव हो तो उसे ज्यादा गेम खेलने से रोकें।
1– कोशिश करें कि आपका बच्चा दूसरे बच्चों के साथ फिजिकल गेम में व्यस्त रहे ना कि वर्चुअल गेम में।
2– इसके अलावा अपने बच्चों से बात करें और गेम के लिए एक समय तय करें।
3– यदि बच्चा गेमिंग के कारण चिड़चिड़ा हो रहा है तो उसे लेकर कहीं घूमने जाएं, उससे बातें, उसे गेम के अलावा अन्य टास्क दें या फिर किसी कंसलटेंट से भेंट करें।
4– कोशिश करें कि आपका बच्चा पूरी नींद ले। बच्चे को गेम के अलावा किसी अन्य एक्टिविटी जैसे पेंटिंग, गार्डेनिंग आदि में उलझाएं।
5– कोशिश करें कि आपका बच्चा अकेले की बजाय परिवार के सदस्यों के सामने गेम खेले।