उत्तर प्रदेश के 03 लाख 70 हजार से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यह वे किसान हैं जो दस्तावेजों में गड़बड़ी अथवा अन्य छोटी-मोटी तकनीकी गलतियों के कारण अब तक पीएम-किसान से वंचित थे। एकमुश्त इतनी बड़ी तादात में किसानों की समस्या समाधान कर उत्तर प्रदेश देश में नम्बर एक पर है। केंद्र सरकार ने इसके लिए राज्य सरकार की सराहना की है।
किसानों को खाद-बीज खरीदने के लिए बड़ा सम्बल साबित हुई इस योजना का लाभ पाने के लिए जरूरी आधार नंबर गलत होने के कारण या आधार के अनुसार नाम सही नहीं होने के कारण बहुत से किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसके अलावा बैंक रिकॉर्ड में कतिपय गड़बड़ी के कारण बहुत से किसानों का पेमेंट रिस्पॉन्स पेंडिंग था तो कुछ के पेमेंट फेल हो रहे थे।
ऐसे में यूपी सरकार ने विशेष अभियान चलाकर किसान समस्याओं का निस्तारण कराया। कुल 03 लाख 70 हजार 85 शिकायतों में से अब महज 1158 मामले ही लंबित हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन प्रकरणों का शीघ्र समाधान के निर्देश दिए हैं। बता दें कि पीएम किसान योजना के क्रियान्वयन में भी उत्तर प्रदेश को शीर्ष स्थान के लिए सम्मानित किया जा चुका है। यहां 02 करोड़ 54 लाख से अधिक किसानों को हर चार माह के अंतराल पर ₹2,000 की धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में मिल रही है।
फिसड्डी रहे महाराष्ट्र-पश्चिम बंगाल
केंद्र सरकार द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार पीएम किसान से जुड़ी सर्वाधिक 03 लाख 70 हजार 85 समस्याएं उत्तर प्रदेश में लंबित थीं। जिसका संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार ने 99.69 फीसदी मामलों को निस्तारित कर दिया है। वहीं महाराष्ट्र में 85,715 मामले थे जिसमें से अब तक 48,403 का ही निस्तारण हो सका है। सर्वाधिक समस्याओं वाले राज्यों की सूची में तीसरे और चौथे नम्बर पर 82,945 और 79,804 शिकायतों के साथ क्रमशः राजस्थान और पश्चिम बंगाल थे। राजस्थान में अब तक 82 फीसदी और पश्चिम बंगाल में 98.10 फीसदी मामले निस्तारित किये जा चुके हैं।