Uttar Pradesh

बैंकिंग सखी बनकर रोजगार की राह पर अग्रसर हैं महिलाएं

लखनऊ। महिला अपराधों का बोलबाला, आधी आबादी के दबे कुचले अधिकार… साल 2017 से पहले की ये तस्‍वीर उत्‍तर प्रदेश की महिलाओं की थी। सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश में महिलाएं योजनाएं से कोसों दूर थी पर जब यूपी की कमान मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने संभाली तो प्रदेश में स्‍वर्णिम योजनाओं के सूर्य से प्रदेश की महिलाओं व बेटियों की जिंदगी में खुशहाली व आशा की किरण बिखरी। ये कहना था अंबेडकरनगर की रहने वाली बीसी सखी कल्‍पना तिवारी का । आजीविका मिशन के तहत बैंकिंग करेस्‍पांडेंट सखियां ग्रामीण परिवेश में बड़ा बदलाव लाई हैं। कल्‍पना ने कहा‍ कि महिलाओं के हित में खड़ी प्रदेश सरकार ने न सिर्फ मिशन शक्ति अभियान से उनको सुरक्षा, सम्‍मान, स्‍वावलंबन का कवच प्रदान कर उनको आत्‍मनिर्भर बनाने का काम किया है।

आंखों में शिक्षक बनने का ख्‍वाब लिए कल्‍पना खुद के लिए कुछ करना चाहती थी बचपन से नौकरी करने का सपना लिए अवसरों की तलाश में रहती थी पर घर गृहस्‍थी में रमी कल्‍पना कभी अपने कदमों को घर के बाहर नहीं निकाल सकीं पर उनका यह सपना साल 2020 में पूरा हुआ जब आजीविका के तहत बतौर बीसी सखी उनका चयन हुआ। कल्‍पना ने कहा कि पहले से आज के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। योगी सरकार ने न सिर्फ महिलाओं को आत्‍मनिर्भर बनाने का कार्य किया है बल्कि उनके सपनों को भी साकार किया है।

योगी सरकार ने दिया सम्‍मान का जीवन-बीसी सखी कलप्‍ना

कल्‍पना ने कहा कि पिछले पांच माह से मैं बीसी सखी योजना से जुड़ी जिसके बाद 03 करोड़ 56 लाख से अधिक बैंकिंग ट्रांसजैक्‍शन कर 83 हजार से अधिक की आय हो चुकी है। पीएम से सम्‍मानित होने से मैं बेहद खुश हूं। सात माह की मेरी बेटी देवांशी को जब पीएम ने गोद में उठा अपना आर्शीवाद दिया वो पल मेरे व परिवार के लिए बेहद अनमोल था।

शून्‍य से आय हुई 42 हजार, थैंक्‍यू योगी जी-बीसी सखी यशोदा

सुलतानपुर की रहने वाली 23 साल की बीसी सखी यशोदा ने बताया कि बैकिंग सखी बनकर मेरे जीवन में आर्थिक सुधार हुआ है। समाज व परिवार का नजरिया भी मेरे लिए बदला है। जिसके लिए सीएम योगी जी का मैं आभार व्‍यक्‍त करती हूं पहले जहां मैं चौका चूल्‍हा करती थी वहीं इस योजना से जुड़ अपनी मेहनत से 42 हजार जोड़कर मुझे खुशी हुई है।

=>
=>
loading...
BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH