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किसानों को नए साल में तोहफा देने की तैयारी में योगी सरकार, सिंचाई के लिए मिलेंगे दर्जनों चेकडैम, तालाब

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के छोटे और मझोले किसानों को नए साल पर बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर रही है। लघु सिंचाई विभाग की दर्जनों नई योजनाओं को सरकार अगले दस दिन में शुरू करने जा रही है । राज्‍य सरकार 122 करोड़ की लागत से तैयार चेकडैम,तालाब किसानों को समर्पित करेगी। इसके साथ ही 100 करोड़ की 227 नई परियोजनाओं की शुरुआत भी करने की तैयारी है। किसानों से जुड़ी इन योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्‍यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले दस दिन में कर सकते हैं।

लगभग 122 करोड़ की लागत की लघु सिंचाई विभाग की करीब 354 योजनाओं का काम पूरा हो चुका है, जिसका बुंदेलखंड सहित प्रदेश के 391 गांव के लोगों को सीधा फायदा मिलेगा। इसमें बुंदेलखंड पैकेज चैकडैम निर्माण की करीब 33 करोड़ की लागत से तैयार की गई 115 योजनाएं और बुंदेलखंड पैकेज की करीब 50 करोड़ की लागत से तैयार तालाब निर्माण और जीर्णोद्धार की 126 योजनाएं शामिल हैं। लगभग 100 करोड़ की लागत से 227 नई लघु सिंचाई योजनाओं की शुरुआत भी सरकार करने जा रही है। इन योजनाओं से 257 गांव के लोगों को सीधा लाभ मिल सकेगा। इनमें जिला योजना के तहत प्रदेश भर में करीब 53 करोड़ की लागत से 139 चैकडैमों का निर्माण और लगभग 30 करोड़ की लागत से 88 तालाबों का निर्माण और जीर्णोद्धार शामिल होगा।

गौरतलब है कि यूपी में गहराते भूजल संकट को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार के लघु सिंचाई विभाग ने नई मिसाल पेश की है। वर्षा जल संचयन, सतही जल के कम उपभोग के साथ जल संरक्षण की विधाओं को प्रोत्साहित कर भूजल संवर्द्धन के बड़े प्रयास किए हैं। सरकार की मंशा किसानों को सिंचाई की सुविधाओं से सम्पन्न कर खेती-किसानी के साथ प्रदेश के विकास को आगे बढ़ाना रहा है। किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई महत्वपूर्ण फैसले कर चुके हैं। उनके प्रयासों से कैबिनेट ने लघु सिंचाई योजना को अब मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के संशोधित स्वरूप में लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। किसानों को बोरिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही नलकूपों को सौर ऊर्जा से संचालित कराया जा रहा है।

सरकार ने प्रदेश में परांपरागत ऊर्जा को प्रोत्साहित करने का काम किया है। किसानों को उथले, मध्यम व गहरे नलकूपों की बोरिंग सुविधा प्रदान की गई। उथले बोरिंग में 30 मीटर तक तथा मध्यम में 31 से 60 मीटर तक बोरिंग कराया जाता है। वहीं गहरे बोरिंग में 61 से 90 मीटर गहरे बोरिंग कराने की सुविधा प्रदान की जाती है। सभी बोरिंग की जियो टैगिंग कराने के साथ-साथ पाइप आदि की खरीद जैम पोर्टल के माध्यम से शुरू किया गया है। इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश में विभिन्न बांधों के सुधार व पुनर्वास के लिए करोड़ों रुपये की परियोजनाएं भी पूरी हो चुकी हैं।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH