● वाराणसी के कारखियांव में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण फूड पार्क में बनास डेयरी संकुल की आधारशिला रखी। 30 एकड़ भूमि में फैले इस डेयरी का निर्माण लगभग 475 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और इसमें प्रतिदिन 5 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण की सुविधा होगी। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और क्षेत्र के किसानों को उनके लिए नए अवसर सृजित करने में मदद मिलेगी।
● बनास डेयरी से जुड़े 1.7 लाख से अधिक दूध उत्पादकों के बैंक खातों में लगभग 35 करोड़ रुपये का बोनस डिजिटल रूप से अंतरित किया गया।
● वाराणसी में रामनगर के दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ संयंत्र के लिए बायोगैस आधारित विद्युत उत्पादन संयंत्र की आधारशिला भी रखी गई। दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ऊर्जा संयंत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
● राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की मदद से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा विकसित दुग्ध उत्पादों की अनुरूपता आकलन योजना को समर्पित पोर्टल और लोगो का उद्घाटन किया। बीआईएस और एनडीडीबी गुणवत्ता चिह्न दोनों के लोगो को मिलाकर बनाया गया एकीकृत लोगो डेयरी क्षेत्र के लिए प्रमाणन प्रक्रिया को सरल बनाएगा तथा डेयरी उत्पाद की गुणवत्ता के बारे में जनता को आश्वस्त करेगा।
● जमीनी स्तर पर भूमि स्वामित्व के मुद्दों को कम करने के एक अन्य प्रयास में उत्तर प्रदेश के 20 लाख से अधिक निवासियों को केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण आवासीय अधिकार रिकॉर्ड ‘घरौनी’ का वर्चुअली वितरण किया।
● स्वास्थ्य के क्षेत्र में, 130 करोड़ रुपये की लागत से महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर में डॉक्टर छात्रावास, एक नर्स छात्रावास और आश्रय गृह से संबंधित परियोजना का उद्घाटन किया। भाद्रसी में 50 बिस्तरों वाले एक एकीकृत आयुष अस्पताल का उद्घाटन भी हुआ। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने आयुष मिशन के तहत पिंडरा तहसील में 49 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज का भी शिलान्यास भी किया।
● वाराणसी में कई शहरी विकास परियोजनाओं का उद्घाटन। इनमें पुरानी काशी के वार्डों के पुनर्विकास की छह परियोजनाएं, बेनियाबाग में पार्किंग और पार्क, दो तालाबों का सौंदर्यीकरण, रमना गांव में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 720 स्थानों पर उन्नत निगरानी कैमरों के प्रावधान शामिल हैं।
● प्रधानमंत्री द्वारा लोकार्पित शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं में शामिल हैं – लगभग 107 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का शिक्षक शिक्षण अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र और 7 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान में निर्मित एक शिक्षक शिक्षा केंद्र। इसके अलावा, प्रधानमंत्री द्वारा बीएचयू और आईटीआई करौंदी में आवासीय फ्लैट और स्टाफ क्वार्टर का भी उद्घाटन किया गया।
● प्रयागराज और भदोही जाने वाली सड़कों के लिए दो ‘4 से 6 लेन’ की सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इससे वाराणसी की कनेक्टिविटी बेहतर होगी और इस शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान की दिशा में यह एक कदम होगा।
● पवित्र काशी की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने वाराणसी स्थित श्री गुरु रविदास जी मंदिर और ऋषि गोवर्धन से संबंधित पर्यटन विकास परियोजना के चरण-1 का भी उद्घाटन किया।
● वाराणसी स्थित दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र के अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में एक स्पीड ब्रीडिंग सुविधा, पायकपुर गांव में एक क्षेत्रीय अनुमोदक मानक प्रयोगशाला और पिंडरा तहसील में एक अधिवक्ता भवन का लोकार्पण किया।