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बिहार के खान सर के उपर छात्रों को भड़काने को लेकर एफआईआर दर्ज, जानिए पूरा मामला

बिहारः आरआरबी एनटीपीसी परिणाम को लेकर छात्रों का प्रदर्शन और अधिक उग्र होता जा रहा है। बिहार में पिछले तीन दिनों ले लगातार अलग-अलग स्थानों पर ट्रेन की बॉगियों में आग लगाने से लेकर ट्रेन को रोके जाने की खबरें सामने आई हैं। इतना ही नहीं पुलिस और छात्रों के बीच कुछ जगह पथराव की भी खबरें सामने आई हैं। प्रशासन की हिदायत और रेल मंत्री के भरोसा देने के बावजूद छात्र मानने के लिए तैयार नहीं हैं। वहीं इस बीच जानकारी सामने आई है कि पटना के खान सर(Khan Sir) समेत कई संस्थानों के खिलाफ पटना में एफआईआर(Fir) दर्ज की गई है।

हिरासत में लिए गए आंदोलनकारी छात्रों के बयान पर दर्ज हुई FIR
पटना स्थित पत्रकार नगर थाने में सोमवार और मंगलवार को हुई हिंसा के बाद हिरासत में लिए गए छात्रों ने कुछ ऐसे बयान दिए कि पुलिस को खान सर समेत कई संस्थानों के खिलाफ एफआईआर करने की जरूरत पड़ी। आंदोलनकारी छात्रों ने कहा कि सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो देखने के बाद वे हिंसा और दंगा करने की शह मिली थी। इस वीडियो में आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा रद्द नहीं होने पर छात्रों को सड़क पर उतरकर आंदोलन के लिए उकसाते हुए देखा गया। हालांकि रेलवे की प्रेस वार्ता के बाद खान सर ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि आरआरबी ने जो भी फैसला लिया है, अगर वो 18 तारीख  को ही ले लिया जाता, तो नौबत नहीं आती। लेकिन अब बोर्ड ने एक अच्छा कदम उठाया है कि छात्रों से 16 फरवरी तक सुझाव मांगा है।

28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान
आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के परिणाम में धांधली के आरोप में छात्र संगठन आइसा(Aisa and Inos) व इनौस ने 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया है। आइसा-इनौस नेताओं की मांग है कि रेल मंत्रालय सात लाख संशोधित रिजल्ट फिर से प्रकाशित करे।

RRB NTPC CBT-1 Result क्यों नाराज हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शनकारी बेरोजगार युवाओं का आरोप है कि आरआरबी एनटीपीसी भर्ती अधिसूचना के मुताबिक सीबीटी-1 स्क्रीनिंग परीक्षा है। इसके अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाएंगे। जबकि इसे क्लीयर करने वाले को ही सीबीटी-2 परीक्षा में भाग लेने का मौका मिलेगा। चूंकि, पेपर स्नातक और इंटर पास के लिए एक समान स्नातक स्तर का आयोजित किया गया था। इसलिए, परिणाम में 2019 तक स्नातक कर चुके उम्मीदवारों का दबदबा ज्यादा रहा। अब ज्यादा अंक पाने वाले उम्मीदवार सभी स्लॉट की स्क्रीनिंग लिस्ट में चयनित हो गए। इससे बड़ी संख्या में एक ही उम्मीदवार का एक से अधिक स्लॉट में सीबीटी-2 के लिए चयन हो रहा है। जबकि वास्तविक हकदार उम्मीदवार को मौका नहीं मिल रहा।

विवाद पर रेलवे ने क्या कहा?
इस पूरे प्रकरण में रेलवे ने साफ किया है कि रिजल्ट तैयार करने में किसी प्रकार की धांधली नहीं हुई है। सीबीटी-2 के लिए 20 गुना फॉर्मूले के तहत सात लाख उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा। आरआरबी ने बताया कि किसी एक उम्मीदवार ने एक से अधिक स्तर के लिए नामांकन किया था और उसे अच्छे अंक प्राप्त हुए तो वह एक से अधिक स्तर के लिए चयनित हो सकता है। इसलिए, सूची में नाम रिपीट हो सकते हैं, लेकिन नौकरी एक ही पद पर मिलेगी।

विवाद के बाद रेल मंत्रालय ने बनाई जांच कमेटी
जगह-जगह हुए हिंसक प्रदर्शनों के बीच, रेल मंत्रालय ने आगे की परीक्षाओं को टाल दिया है। इसके साथ ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है, जो रेल मंत्रालय को रिपोर्ट करेंगी। समिति सभी उम्मीदवारों और हितधारकों से सुझाव लेगी और अपने सुझाव रिपोर्ट में देगी।

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