नई दिल्ली। यूक्रेन में रूसी हमले में मारे गए भारतीय छात्र नवीन के पिता बेटे की मौत से बुरी तरह टूट चुके हैं। नवीन के पिता अब सरकार से ये उम्मीद लगाए बैठे हैं कि किसी तरह वो नवीन के पार्थिव शरीर को देश ले आयें। प्रधानमंत्री ने आश्वाशन भी दिया है। हादसे से एक रात पहले नवीन ने अपने घरवालों से वीडियो कॉल पर बातचीत भी की थी। उसने चिंतित घर वालो को ढांढस बंधाया था कि वो ठीक है। खा पी रहा है। उसने ये भी बताया था कि समान अभी मिल रहा है पर दूसरे ही दिन मौत की खबर आ गई।
घरवाले काफी पहले से चाहते थे कि हालात खराब हो रहे हैं इसलिये उसे वापस आ जाना चाहिए। लेकिन कॉलेज ने छुट्टियों की घोषणा नहीं की थी। कॉलेज बार बार ये कहता रहा कि ऐसे तनाव होते रहते है और बात चीत से रास्ता निकलता है। जब हालात बेकाबू हो गए तो आने के लिये रास्ता नहीं बचा था।
नवीन के साथ उसके पिता का सपना टूट गया। नवीन बचपन से डॉक्टर बनना चाहता था, जब देश मे एडमिशन नही मिला तो कुछ खुद की कमाई रकम और कुछ कर्ज ले कर उसे विदेश भेजा पर नवीन की मौत के साथ सब कुछ बिखर गया। पिता चाहते है कि नवीन तो चला गया पर अब ये दर्द और कोई मां बाप ना झेले देश के बच्चे सलामत वापस लौटे।
बता दें कि बीते मंगलवार को यूक्रेन में युद्ध के बीच फंसे 21 वर्षीय भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की गोलाबारी में मौत हो गई। नवीन कर्नाटक के रहने वाले थे। रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में भारतीय छात्र की मौत पर पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया। उन्होंने मृतक नवीन के पिता से फोन पर बात करके दुखी परिवार को सांत्वना दी।