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यूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्र ने सुनाई अपनी आपबीती, कहा- यूक्रेनियन सैनिक भारतीय छात्रों के साथ मारपीट कर रहे हैं

फिरोजाबादः यूक्रेन  में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र प्रियांशु शर्मा जब फिरोजाबाद अपने घर पहुंचे तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रियांशु ने बताया कि यूक्रेनियन सैनिक भारतीय छात्रों के साथ मारपीट कर रहे हैं। वहीं उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया और कहा कि भारत सरकार अच्छा कार्य कर रही है।

बता दें कि फिरोजाबाद के गुंजन कॉलोनी के रहने वाले प्रियांशु शर्मा 2 वर्ष पूर्व एमबीबीएस की पढ़ाई पढ़ने के लिए फिरोजाबाद से यूक्रेन गए थे और उन्होंने ट्रेनोपाल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था, और वहां पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन जब से यूक्रेन और रूस में युद्ध छिड़ा है तब से सभी भारतीय छात्र-छात्राएं वहां काफी परेशान थे और वहां फंसे हुए थे जिन्हें भारत सरकार द्वारा हर कोशिश कर वहां से इंडिया लाने का काम किया जा रहा है। इसी में आज प्रियांशु शर्मा भी सरकार की मदद से यूक्रेन से अपने घर वापस आ पहुंचे हैं, लेकिन यहां आकर होने जब आपबीती बताई तो वह बहुत ही चौंकाने वाली थी।

‘यूक्रेनियन सैनिक छात्र-छात्राओं के साथ कर रहे हैं मारपीट’

प्रियांशु ने बताया कि यूक्रेन के जो हालात हैं वो बहुत ज्यादा खराब होते जा रहे हैं। वहां के सैनिक भारतीय छात्र-छात्राओं के साथ मारपीट कर रहे हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग भी कर रहे हैं, लेकिन इंडियन गवर्नमेंट बहुत मेहनत कर रही है और सारी सुविधाएं छात्र-छात्राओं को उपलब्ध करा रही है। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार की मेहनत से ही काफी छात्र इंडिया वापस आ चुके हैं। बता दें कि प्रियांशु के घर आते ही उनके माता-पिता ने उन्हें मिठाई खिलाई और खुशी जाहिर की। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर यूक्रेन के सैनिक अपना गुस्सा क्यों उन मासूम छात्राओं पर उतार रहे हैं जो वहां फसें हुए हैं।

 

‘एंबेसी से मिली मदद’

यूक्रेन से आने के बाद प्रियांशु शर्मा ने बताया कि जब हमें पता लगा कि यूक्रेन और रूस में झगड़ा हो गया है तो हमने अपनी एंबेसी मैं फोन किया तो उन्होंने कहा कि आप लोग बॉर्डर पर आ जाइए। हम लोग वहां पहुंचे तो काफी छात्र-छात्राएं थे। लेकिन वहां जो यूक्रेन के सैनिक थे, उन्होंने छात्र छात्राओं के साथ मारपीट की और अभद्रता की, यह बहुत गलत है कि इतनी छात्र-छात्राएं फंसे हैं और उनके साथ ऐसा हो रहा है। प्रियांशु ने कहा कि मैं भारत सरकार की तारीफ करूंगा जिन्होंने हर कोशिश हर छात्र-छात्राओं को वहां से निकालने का काम किया है और अभी भी कर रही हैं।

 

 

 

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