लखनऊः विधानसभा चुनाव में भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र में किए गए वादों को अपना मूल मंत्र मानते हुए योगी सरकार पहली कैबिनेट से ही पूरा करने में जुटेगी। जनता में संदेश देने के लिए सरकार व संगठन ने इस पर मंथन शुरू किया है।
गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यंमत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का संकल्प पत्र जारी किया था। तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनकी नई सरकार संकल्प पत्र को मूल मंत्र मानकर पूरा करेगी।
भाजपा ने 2017 के संकल्प पत्र में किए गए किसानों के कर्ज माफी का वादा पहली कैबिनेट में ही पूरा किया था। इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी भाजपा नेताओं ने चुनावी सभाओं में कहा था कि भाजपा सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में किसानों का कर्ज माफ किया जबकि सपा सरकार ने 2012 में पहली कैबिनेट में आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का काम किया था। सूत्रों के मुताबिक भाजपा सरकार इस बार भी जनता में इसी तरह का संदेश देना चाहती है।
सूत्रों के मुताबिक सरकार किसानों, महिलाओं, दलितों व युवाओं में से जुड़ी किसी एक वादे को पहली कैबिनेट में पूरा करने की घोषणा कर सकती है। इनमें किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को होली व दीपावली पर एक-एक सिलिंडर मुफ्त देने, 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन में मुफ्त यात्रा, निराश्रित महिलाओं, दिव्यांगों का पेंशन बढ़ाने या अन्य कोई वादे पर फैसला भी हो सकता है। दिल्ली में होने वाली भाजपा की उच्चस्तरीय बैठक में इसको लेकर निर्णय किया जाएगा।
तकनीकी पेच नहीं फंसा तो होगी घोषणा
15 मार्च को विधान परिषद के स्थानीय निकाय क्षेत्र चुनाव की अधिसूचना लागू हो सकती है। यदि आचार संहिता ने बाधित नहीं किया तो सरकार पहली कैबिनेट से ही संकल्प पत्र पर काम शुरू करेगी।
संकल्प पत्र प्राथमिकता
योगी सरकार ने 2017 के संकल्प पत्र में से सभी बड़े वादों सहित 92 फीसदी वादों को पूरा किया है। 2022 के संकल्प पत्र को भी सरकार प्राथमिकता से पूरा करेगी।
– स्वतंत्रदेव सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष