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वाराणसी में आठों सीटों पर भाजपा की विजय के बाद मंत्रिमंडल में की चहरों के शामिल होने की उम्मीद

वाराणसीः पूर्वांचल के विकास की धुरी बन चुकी वाराणसी को योगी-2.0 सरकार में ज्यादा जगह की उम्मीद है। शपथ ग्रहण समारोह में ही वाराणसी के विधायकों को मंत्री बनने की आस है। पिछली सरकार में एक कैबिनेट और दो स्वतंत्र प्रभार मंत्री वाराणसी के हिस्से में आए थे। ऐसे में इस बार यह आंकड़ा चार तक होने की उम्मीद है।

पूर्वांचल में भूमिहार चेहरे के रूप में उभरे दूसरी बार के विधायक डॉ. अवधेश सिंह भी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। दरअसल, वर्ष 2017 में भाजपा के प्रचंड बहुमत के बाद अनिल राजभर ने सरकार गठन के साथ ही राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रुप में शपथ लिया था।
राजभर चेहरे के रूप में पार्टी ने इन्हें आगे बढ़ाया और सुभासपा के भाजपा से अलग होने के बाद अनिल राजभर को कैबिनेट में जगह दी गई। डॉ. नीलकंठ तिवारी को पहले राज्यमंत्री और बाद में स्वतंत्र प्रभार का तोहफा मिला था। मंत्रिमंडल के विस्तार में रविंद्र जायसवाल को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया था।

इस बार वाराणसी से चुने गए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद ज्यादा है। कैंट से दूसरी बार विधायक बने सौरभ श्रीवास्तव ने इस बार भी सबसे बड़ी जीत हासिल की है। युवा होने के साथ ही लगातार दो बार बड़ी जीत के साथ विधानसभा पहुंचे सौरभ को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

ऐसे ही सेवापुरी से दूसरी बार विधायक बने नीलरतन पटेल को भी उम्मीद है कि उन्हें जगह मिलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी के सार्वजनिक स्नेह के बाद उनकी उम्मीदें ज्यादा हैं। सबसे अहम पूर्वांचल में शामिल डा. अवधेश सिंह आसपास के जिले में अकेले भूमिहार विधायक बने हैं। इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय को दूसरी बार पटकनी देने पर उन्हें यह तोहफा मिल सकता है।

मंत्रियों के प्रमोशन की भी उम्मीद

पिछली बार मंत्री बने तीनों विधायकों को प्रमोशन की भी उम्मीद है। अनिल राजभर को बड़े मंत्रालय के साथ ही प्रमुख चेहरे के रूप में जगह मिल सकती है। इसके अलावा डा. नीलकंठ तिवारी और रविंद्र जायसवाल को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। फिलहाल सरकार के शपथ ग्रहण के साथ ही यह तस्वीर साफ होगी।
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