हरियाणाः पानीपत के सेक्टर-29 थाना क्षेत्र में एक गांव की आठ वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले दोषी सोनू उर्फ पापड़ को शनिवार को अतिरिक्त सत्र एवं जिला न्यायाधीश सुमित गर्ग की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया। दोषी को 20 साल की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया। जुर्माना न देने पर उसे एक और साल का कठोर कारावास काटना होगा। दोषी अदालत में दुहाई देता रहा कि मैं गरीब हूं, माता-पिता और दो बहनों को संभालने वाला मैं इकलौता है, इसलिए मुझ पर रहम किया जाए। अदालत ने बच्ची, उसके माता-पिता समेत 19 गवाही के आधार पर अपना फैसला सुनाया।
जिला न्यायवादी राजेश चौधरी ने बताया कि 25 मई 2018 को सेक्टर-29 थाना पुलिस को दी शिकायत में पिता ने बताया था कि उनकी आठ वर्षीय बेटी 24 मई 2018 को स्कूल से घर लौट रही थी। इसी बीच बेटी के साथ एक युवक ने गलत काम किया। बेटी रोते-रोते अपने घर पहुंची और मां को आपबीती बताई।
इसके बाद पत्नी की सूचना पर वह घर पहुंचा और फिर वे बेटी को लेकर सामान्य अस्पताल पहुंचे। वहां पर इलाज के साथ पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। पुलिस ने मामले की गहनता से जांच करते हुए पांच जून 2018 को करनाल के ब्लॉक निसिंग के गांव गोंदर निवासी सोनू उर्फ पापड़ को गिरफ्तार किया। सोनू हाल में गांव नांगलखेड़ी में एक मकान में किराये पर रहता था।
आरोपी का कबूलनामा
आरोपी सोनू ने पुलिस के सामने अपराध का कबूलनामा किया। सोनू ने कहा कि 24 मई को वह एक स्कूल के सामने खड़ा था। इसी बीच स्कूल की छुट्टी हुई और उसे एक बच्ची जाती दिखी। उसके साथ उसने गलत काम करने का मन बनाया और उसे चीज दिलाने का झांसा देकर एक गांव के टावर के पीछे ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के रोने पर वह फरार हो गया था।
एफएसएल रिपोर्ट में नहीं हुई पुष्टि, न्यायधीश ने बच्ची के बयान पर बनाया आधार
जिला न्यायवादी राजेश चौधरी ने बताया कि एफएसएल मधुबन की मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन न्यायधीश के सामने बच्ची ने आरोपी सोनू को पहचान लिया और उसी की गवाही को प्रमुखता से लेते हुए न्यायधीश ने फैसला सुनाया। इस मामले में कुल 19 गवाह ने गवाही दी, जिनमें पुलिस से दो जांच अधिकारी भी शामिल हैं।