नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान मिसाइल घटना को हलके में नहीं ले रहा है। पाकिस्तान लगातार इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठा रहा है जबकि भारत ये साफ़ कर चुका है कि ये महज एक दुर्घटना थी। ऐसा जानकर नहीं किया गया था। 9 मार्च को भारत द्वारा आकस्मिक रूप से दागी गई बिना हथियार की मिसाइल पाकिस्तानी क्षेत्र के 124 किमी अंदर मियां चन्नू में गिर गई, जिससे कुछ स्थानीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचा।
पाकिस्तान ने मिसाइल गड़बड़ी की संयुक्त जांच की मांग की है, जिससे दोनों देशों के बीच बड़ी त्रासदी हो सकती थी। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की अध्यक्षता में कोर कमांडरों को महत्वपूर्ण वैश्विक और क्षेत्रीय विकास, आंतरिक सुरक्षा स्थिति और पश्चिमी सीमा प्रबंधन व्यवस्था में प्रगति पर व्यापक जानकारी दी गई।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, आईएसपीआर द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि फोरम ने मिसाइल फायरिंग की हालिया घटना की चिंता के साथ समीक्षा की, जिसे भारत द्वारा आकस्मिक बताया गया, जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ी तबाही हो सकती थी।
बयान में कहा गया, इस बात पर जोर दिया गया था कि गलती की भारतीय स्वीकृति के बावजूद प्रासंगिक अंतर्राष्ट्रीय मंचों को घटना पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और निरीक्षण भारतीय सामरिक संपत्तियों की सुरक्षा और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अधीन होना चाहिए।