दरअसल, बृहन्मुंबई महानगरपालिका निगम ने बुधवार को बताया था कि शहर में ओमिक्रॉन-एक्सई का मामला सामने आया है। दक्षिण अफ्रीका से आई एक 50 वर्षीय कॉस्ट्यूम डिजाइनर से लिए गए नमूनों में इसकी पुष्टि हुई है। यह डिजाइनर 10 फरवरी को भारत आईं थीं। उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखे थे। हालांकि औपचारिक प्रक्रिया के तहत उनके नमूने लिए। नमूनों की जांच और जीनोम-सिक्वेंसिंग कराई गई। इसमें पाया गया कि वह ओमिक्रॉन-एक्सई से संक्रमित थीं। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि मुंबई में संभवतया ओमिक्रॉन-एक्सई की आमद हो चुकी है।
केंद्र सतर्क अपने स्तर पर करवा रहा जांच
लेकिन भारत के सार्स-कोव जीनोमिक्स कंसोर्टियम के विशेषज्ञों की राय के बाद हमने इन नमूनों की फिर जांच कराने का फैसला किया है। दोबारा जीनोम-सिक्वेंसिंग के लिए नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स, पश्चिम बंगाल भेज दिए गए हैं। रिपोर्ट का इंतजार है। केंद्र सरकार के जवाब के बाद महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने सात अप्रैल को बयान जारी किया। उन्होंने कहा, ओमिक्रॉन-एक्सई के बारे में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा है। एनआईबीएमजी की रिपोर्ट अभी आई नहीं है। हम उसका इंतजार कर रहे हैं। घबराने की जरूरत नहीं है।
दस गुना तेजी से फैलता है ये वैरिएंट
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस वैरिएंट की गंभीरता काफी हद तक टीकाकरण पर निर्भर करती है। जिसे भी टीका लगा है उनमें इसके हल्के लक्षण देखने को मिल सकते हैं, जबकि जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लगवाया है उनमें गंभीर लक्षण देखने को मिल सकता है।
- एक्सई वैरिएंट के लक्षणों की बात करें, तो इससे संक्रमित मरीज को बुखार, गले में खराश, खांसी और सर्दी, त्वचा में जलन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिस्ट्रेस की समस्या आदि हो सकती है।
- अभी तक ओमिक्रॉन के जितने भी वैरिएंट आए हैं वह ज्यादा गंभीर नहीं रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञों को लगता है कि ये वैरिएंट भी उतना गंभीर नहीं होगा, हालांकि अभी कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी हो सकती है।