लखनऊः नवरात्रि के नौवें दिन देवी दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। कमल पर विराजमान होने के कारण इन्हें मां कमला भी कहा जाता है। देवी सिद्धिदात्री ने मधु और कैटभ नाम के राक्षसों का वध करके दुनिया का कल्याण किया। यह देवी भगवान विष्णु की प्रियतमा लक्ष्मी के समान कमल के आसन पर विराजमान हैं और हाथों में कमल, शंख, गदा व सुदर्शन चक्र धारण किए हुए हैं।
सिद्धिदात्री नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली माना जाता है कि इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है। मार्केण्डेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशित्व और वशित्व, कुल आठ सिद्धियां हैं, जो कि मां सिद्धिदात्री की पूजा से आसानी से प्राप्त की जा सकती हैं। मां सिद्धिदात्री को खीर, हलवा-पूरी का भोग लगाया जाता है।
मां सिद्धिदात्री पूजन विधि
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मां का यह रूप साधक को सभी प्रकार की ऋद्धियां एवं सिद्धियां प्रदान करने वाला है. इस दिन कमल में बैठी देवी का ध्यान करना चाहिए. सुंगधित फूल अर्पित करें. आज मां को शहद अर्पित करें इसके साथ ही इस मंत्र का जाप करें- ऊं सिद्धिरात्री देव्यै नम: इस दिन हवन जरूर करें.
मां सिद्धिदात्री मंत्र
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैररमरैरपि|
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी||