लखनऊ। जिंदगी की नई शुरुआत के लिए दांपत्य जीवन का भविष्य अब ग्रहों की स्थितियों पर बनी कुंडली के साथ साथ मनोविज्ञान की कुंडली भी तय करने लगी हैं। प्रयागराज में मानसिक रोग से जुड़े डॉक्टरों ने अपने शोध में वैवाहिक जीवन में बंधने जा रहे वर वधू की साइकलॉजिकल कुंडली बनाने का अभियान शुरू किया है ताकि नए जोड़ो के दांपत्य जीवन में टकराहट और बिखराव न हो। अभी तक यहां पांच दर्जन वर वधुओ की मनोवैज्ञानिक कुंडली तैयार की जा चुकी है ।
रिश्ते ऊपर से तय होकर आते है लेकिन इसे नीचे वाले अमल में लाते है” यह पुरानी कहावत अब बीते कल की बात बन सकती है। इसकी वजह है प्रयागराज के मोती लाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय के मनोविज्ञान विभाग में डॉक्टरों द्वारा अपने शोध और ऑब्जर्वेशन के बाद शुरू किया गया मनोवैज्ञानिक कुंडली अभियान। इस अभियान में शादी के बंधन में बंधने जा रहे नए जोड़ो के परिजन वर और वधू की मनोवैज्ञानिक कुंडली बनवा रहे है ।
डॉक्टर बताते हैं कि इस मनोवैज्ञानिक कुंडली में वर वधु की मेडिकल हिस्ट्री पता करने के अलावा मेंटल स्टेटस एग्जामिनेशन से गुजरना होता हैं। यह टेस्ट वर वधू की आईक्यू से लेकर उसकी मनोवृत्ति का खाका तैयार करता है। इसके बाद उन्हें पर्सनेलिटी इवेल्यूशन और प्री मॉर्गन टेस्ट से गुजरना होता है जो वर वधु की सहनशीलता और संवेदनशीलता की रिपोर्ट बताता है। इन्ही मानकों के आधार पर यह तय होता है की इस जोड़े का दांपत्य जीवन कैसा होगा। हर मां बाप अपने बच्चो के सुखी दांपत्य जीवन की कामना करते हैं। इसीलिए वह ग्रहों के आधार पर बनाई गई जन्मकुंडली के अलावा मनोवैज्ञानिक कुंडली बनवाने के लिए यहां आ रहे है।