लखनऊ। प्रदेश में जल्द ही योगी सरकार डायबिटिक रेटिनोपैथी ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना करने जा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं को तेजी से बेहतर करते हुए योगी सरकार उचित रणनीति के तहत आने वाले पांच सालों में काम करेगी। जिसके लिए चिकित्सा विभाग की ओर से एक खाका तैयार कर लिया गया है। डायबिटिक मरीजों को अब रैटिना सर्जरी के लिए दूसरे प्रदेशों या मंहगे प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने होगें। अब यूपी कि सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज मिल सकेगा। लखनऊ के केजीएमयू, प्रयागराज, मेरठ के मेडिकल कॉलेज में डायबिटिक रेटिनोपैथी ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना की जाएगी।
इस सेंटर से समय से रैटिना सर्जरी हो सकेगी और डायबिटिक मरीज कम खर्चे में अपना इलाज करा पाएंगे। केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ शीतल वर्मा ने बताया कि सेंटर से इन मरीजों को सीधे तौर पर फायदा मिलेगा। डायबिटिक मरीजों को एडवांस ट्रीटमेंट मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जिस तरह योगी सरकार ने सर्वाधिक आबादी का प्रदेश होने के बावजूद जिस तरीके से जान भी जहान भी के संकल्प को पूरा करते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को बूस्टर डोज देने का काम किया है। इस बार भी योगी सरकार 2.0 प्रदेश में आने वाले पांच सालों में स्वास्थ्य सुविधाओं की सूरत को तेजी से बदलेगी।
एडवांस लाईफ सपोर्ट एंबुलेंस की संख्या में होगी बढ़ोतरी
प्रदेश में गंभीर रोगियों के लिए अप्रैल 2017 से एडवांस लाईफ सपोर्ट एम्बुलेंस की सेवा को शुरू किया गया। वर्तमान में 250 एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है। एम्बुलेंस में एडवांस उपकरण जैसे कि वेंटिलेटर, डिफिब्रिलेटर, दवाएं और एक प्रशिक्षित मेडिकल टेक्निशियन की व्यवस्था रहती है। प्रदेशवासियों को सेवा निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। अब तक 3.48 लाख रोगियों को सेवा प्रदान की जा चुकी है। एएलएस की संख्या को एक वर्ष में 250 से बढ़ाकर 375 और आगे 375 से बढ़ाकर 500 किया जाएगा।