लखनऊ। प्रदेश सरकार ने राज्य में प्रत्येक व्यक्ति तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजनाओं को और तेज गति प्रदान करने के लिए बजट में साढ़े चार हजार करोड़ की बढ़ोत्तरी की है। सरकार ‘हर घर नल-हर घर जल’ के संकल्प को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद़ध है। गुरुवार को द्वतीय कार्यकाल के पहले वित्तीय वर्ष (2022-2023) के बजट में उसने नामामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के लिए 19500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जबकि वर्ष 2021-21 में सरकार ने विभाग को 15000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया था।
सीएम योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की योजनाओं ने जनता को बड़ा लाभ दिया है। जल जीवन मिशन की योजना का सबसे अधिक लाभ बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के लोगों को मिला है। यहां घर-घर तक फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन पहुंचे हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 2.64 करोड़ नल के संयोजन दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के विंध्य बुंदेल खंड के 9 जनपदों के 6831 राजस्व ग्रामों में पेय जल योजना कि शुरुआत कि गयी है जो कि दिसम्बर 22 तक पूरा किया जाना लक्षित है। द्वितीय चरण के 61 जनपदों के 33039 राजस्व ग्रामों में कार्य प्रगति पर है। जिसे दिसम्बर 23 तक पूरा किया जाना लक्षित है। तृतीय चरण के अंतर्गत 61 जनपदों के 30016 राजस्व ग्रामों में डीपीआर बनाने का कार्य प्रगति पर है। इन ग्रामों में पेय जल योजनाओं को दिसम्बर 24 तक पूरा किया जाना लक्षित है।
लघु एवं सीमांत किसानों को सिंचाई में मिलेगी और अधिक सुविधा
योगी सरकार प्रदेश में लघु एवं सीमांत किसानों को सिंचाई की और अधिक सुविधा देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिए 1000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। सरकार का प्रयास उन गांवों में सिचांई की सुविधा पहुंचाना है जहां अभी तक नहरें नहीं पहुंची हैं और किसानों को खेतों की सिंचाई का जल नहीं मिल रहा है।
यूपी के 14 जनपदों के स्कूलों में लगेंगे जल शोधन संयंत्र
योगी सरकार अगले 05 वर्षों में मुख्यमंत्री आर.ओ. पेयजल योजना से प्रदेश के 14 जनपदों में 28,041 विद्यालयों में बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करेगी। इसके लिए सरकार ने अल्ट्राफिल्ट्रेशन तकनीक पर अधारित जल शोधन सयंत्र भी स्थापित करने का बड़ा लक्ष्य रखा है।