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ट्रैफिक में फंसे तो डॉक्टर ने कार छोड़ लगाई 3 किमी दौड़, मरीज का किया ऑपरेशन

बेंगलुरु। जब बात कर्तव्यों का हो.. उम्मीदों और आशाओं की हो..तो यकीन मानिए रास्ते में आने वाली हर बाधाओं से आप लोहा ले लेंगे…दुनिया में बहुत ऐसे लोग हैं…जो कर्तव्य की राह पर चलते-चलते दुनिया के लिए प्रेरणा बन जाते हैं…दूसरों की तकलीफ को अपनी तकलीफ समझने वाले लोगों को दुनिया सलाम करती है…कहते हैं डॉक्टर धरती के भगवान होते है…लेकिन डॉ भगवान यूं नहीं बन जाते…दुनिया इतनी आसानी से किसी को भगवान नहीं मानती…भगवान बनने की राह बहुत दुर्गम है…

कर्नाटक की राजधानी बंगलोर के एक डॉक्टर की ये कहानी…जो गंभीर मरीज के आपरेशन के लिए घर निकले..लेकिन रास्ते में लंबा जाम लग गया…डॉक्टर को लगा कि वक्त पर पहुंचना मुश्किल है…अगर देर हुई महिला की तकलीफ बढ़ सकती है…उसकी सेहत को भारी नुकसान पहुंच सकता है…3 किलोमीटर लंबे जाम में फंसे डॉ बार-बार अपनी घड़ी की तरफ देख रहे थे…घड़ी की घूमती सुई के साथ चिंताएं बढ़ती जा रही थी…उधर अस्पताल में पड़ी महिला दर्द से तड़प रही थी…फिर क्या डॉ ने अपनी कार बीच ट्रैफिक में ही छोड़ दी…और पैदल अस्पताल की तरफ दौड़ पड़े…पूरे 3 किलो मीटर की दौड़ लगाने के बाद डॉ समय से अस्पताल पहुंच गए और महिला की सर्जरी की गई।

बेंगलुरु के सरजापुर के मणिपुर अस्पताल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी सर्जन डॉक्टर गोविंद नंदकुमार की कर्तव्यनिष्ठा अब चर्चा का विषय बन चुकी है…ट्रैफिक जाम में फंसी कार छोड़कर पैदल अस्पताल पहुंचने की ये कहानी कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है…डॉक्टर गोविंद नंदकुमार जिन्होने लंबे ट्रैफिक जाम को अपने कर्तव्यो की राह में आड़े नहीं आने दिया…जिन्हे देखकर कई युवा प्रेरणा लेंगे…।

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BRIJESH SINGH
the authorBRIJESH SINGH