लखनऊ। प्रदेश को वन ट्रिलियन डाॅलर की इकोनॉमी बनाने में तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं की अहमियत को देखते हुए योगी सरकार का व्यावसायिक शिक्षा पर खासा जोर है। इनमें आईटीआई प्रशिक्षुओं की भूमिका को देखते हुए सरकार ने इन संस्थानों में नवाचार और बदलाव के साथ ही विस्तार भी किया है। आधारभूत ढांचे में व्यापक सुधार और नये ट्रेड के प्रशिक्षण का ही नतीजा है कि दो लाख 20 हजार प्रशिक्षुओं का प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायोजन हुआ है।पहली बार एप्रिन्टिस्शिप करने वालों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से 30213 की बढोत्तरी हुई है।
तकनीकी के बदलते दौर में सेवायोजन और रोजगार की संभावनाओं के नये द्वार खोलने के लिए सरकार ने टाटा ग्रुप और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के सहयोग से 50 राजकीय आईटीआई का उच्चीकरण शुरू कर दिया है। इसके अलावा सरकार राजकीय आईटीआई संस्थानों का लगातार विस्तार कर रही है। पांच सालों में 44 नये राजकीय आईटीआई खोले गये हैं और सीटों की संख्या में 46412 की वृद्धि की गई है । लिहाजा दाखिला लेने वाले छात्र/छात्राओं की संख्या बढ़ रही है । आईटीआई शिक्षा को प्रोत्साहित और प्रशिक्षुओ के बेहतर प्लेसमेंट के लिए नई नीति लागू करने जा रही है। इसके अलावा नौकरी और रोजगार के और अधिक अवसर की संभावनाओं को देखते हुए ड्रोन, आईओटी और सोलर में प्रशिक्षण के लिए प्रवेश किये जाएंगे। पांच लाइट हाउस आईटीआई बनाये जाएंगे । यह संस्थान अन्य संस्थाओं के लिए बेंचमार्क इंस्टिट्यूट होंगे। जबकि आठ राजकीय आईटीआई पीपीपी माॅडल खोले जाएंगे। इसके लिए निजी क्षेत्रों से करार किया जाएगा।
डिजिटल उपलब्ध होंगे पाठ्यक्रम
प्रदेश सरकार ने अगले दो सालों में राजकीय संस्थाओं को और बेहतर करने का खांचा तैयार किया है। सरकार की कार्ययोजना के मुताबिक सभी राजकीय आईटीआई में स्मार्ट रूम तैयार किये जाएंगे । साथ ही सभी ट्रेड के पाठ्यक्रमों का डिजिटल कांटेक्ट उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (सीएमएपीएस) के तहत 35 हजार युवाओं को उद्योगों एवं एमएसएमई में एप्रिन्टिस्शिप करायी जाएगी । सरकार असेवित विकास खंडों में आईटीआई-एसडीएस खोले जाएंगे।