लखनऊ। बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने राजधानी के आलमबाग थाने के एक आपराधिक मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दो साल कारावास की सजा सुनाई है।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार वर्ष 2003 में तत्कालीन जेलर एसके अवस्थी ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसके अनुसार जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। साथ ही उनके साथ गाली गलौज करते हुए मुख्तार ने उन पर पिस्तौल भी तान दी थी। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार को बरी कर दिया था, जिसके खिलाफ सरकार ने अपील दाखिल की थी।
बता दें कि मुख्तार अंसारी 2005 के बाद से ही अलग अलग जेलों में बंद हैं। पहले उन्हें गाजीपुर जेल में रखा गया, उसके बाद मथुरा, आगरा और अब बांदा की जेल में वो सालों से बंद हैं, अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर वो कुछ समय तक पंजाब की रोपड़ जेल में भी रहे। बाद में एक बार फिर उन्हें बांदा जेल में ही भेज दिया गया।
पिछले कुछ सालों में जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार आई मुख्तार अंसारी की मुसीबतें बढ़ती नज़र आईं। उप्र सरकार ने मुख्तार अंसारी और उनके पूरे गैंग पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उनकी करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति को जब्त कर लिया गया है जबकी इस गैंग के कई गुर्गे अलग-अलग आरोपों में जेल में बंद हैं। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी और बहनोई एजाजुल की अवैध संपत्ति को भी जब्त किया गया।