लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बारिश से मलेरिया, डेंगू, काला जार और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के फैलने की आशंका रहती है। इसको लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। प्रदेश में चल रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान को अंतर विभागीय समन्वय से धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू करें। संचारी रोगों पर प्रभावी रोकथाम के लिए सभी जिलों में मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों में डेंगू और आइसोलेशन वार्ड बनाएं। अस्पतालों में नियमित साफ सफाई होती रहे, इस पर विशेष ध्यान दें।
सीएम योगी ने रविवार सुबह सरकारी आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ कोविड-19 और संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में टेस्टिंग की संख्या को और बढ़ाने की आवश्यकता है। कोविड को लेकर डरने वाली स्थित नहीं है, लेकिन आने वाले पर्व और त्योहारों के दौरान बाजारों में भीड़ उमड़ेगी। इसे देखते हुए विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसके लिए स्वास्थ्य और गृह विभाग विशेष सतर्कता बरतें। साथ ही गृह विभाग पब्लिक एड्रेस सिस्टम को और बेहतर बनाए।
उन्होंने प्रदेश में असमय हो रही बारिश को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में कहीं भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से राहत सामग्री का वितरण किया जाए। साथ ही जनधन की हानि पर शासन द्वारा अनुमन्य राहत राशि दी जाए। उन्होंने कहा कि विभागीय मंत्री और अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भौतिक निरीक्षण करें।
देश में सर्वाधिक वैक्सीन अब तक 39 करोड़ डोज प्रदेश में लगाई गई
कोविड टीकाकरण अभियान की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में अब तक कोविड रोधी वैक्सीन की 39 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा है। प्रिकॉशन डोज 4.39 करोड़ लगाई गई है। प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या 385 है। संक्रमण की दर देखा जाए, तो .15 प्रतिशत है। सात दिनों में प्रदेश में ढाई लाख टेस्टिंग हुई है जो पूरे देश का 25 प्रतिशत है। वहीं, आठ अक्टूबर को 50 हजार टेस्टिंग की गई है।
पर्व और त्योहारों को लेकर विशेष सतर्कता बरतें गृह विभाग
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नवरात्रि और दशहरा से सम्बंधित कार्यक्रम मान्यताओं के अनुरूप प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अभी भी हो रहे हैं। इस दौरान प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित चार सौ से अधिक मूर्तियों का अभी विसर्जन नहीं हुआ है। साथ ही 35 जगहों पर अभी रावण दहन के कार्यक्रम भी होने हैं। प्रदेश में वाल्मीकि जयंती और बारावफात से जुड़े कई आयोजन होंगे। इन पर्व और त्योहारों को देखते हुए प्रदेश में कहीं कोई अप्रिय घटना न घटने पाए, इसको लेकर गृह विभाग विशेष तौर पर सतर्कता बरते।