लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने कहा है कि हम भारत के साथ रिश्ते सुधारना चाहते हैं लेकिन जब तक भाजपा सत्ता में है ऐसा मुमकिन नहीं है। इमरान ने कहा कि अगर वह फिर से प्रधानमंत्री चुने जाते हैं तो वह अफगानिस्तान, ईरान, चीन और अमेरिका सहित पाकिस्तान के सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करना चाहेंगे।
उन्होंने कहा, “अगर रिश्ते सुधर जाएं तो बहुत बड़ा फायदा होगा।” लेकिन यह तर्क दिया कि कश्मीर पर नई दिल्ली का रुख इसमें मुख्य बाधा है। इमरान ने कहा, “मुझे लगता है कि यह मुमकिन है, लेकिन भाजपा सरकार मुद्दों पर बेहद कठोर है, उसका राष्ट्रवादी रुख है। यह निराशाजनक है, क्योंकि आपके पास (संकल्प के लिए) कोई मौका नहीं है, क्योंकि वे राष्ट्रवादी भावनाओं को भड़काते हैं। राष्ट्रवाद का यह जिन्न एक बार जब बोतल से बाहर हो गया तो इसे फिर से बोतल में वापस लाना बहुत मुश्किल है।”
उन्होंने कहा कि जब पड़ोसी देश ने कश्मीर का दर्जा छीन लिया तो पाकिस्तान को भारत के साथ अपने रिश्ते ठंडे करने पड़े। पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से अगस्त 2019 में भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को इजराइल के स्तर तक घटा दिया, जिसके साथ इस्लामाबाद का कोई व्यापारिक संबंध नहीं है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के भारत के फैसले की प्रतिक्रिया के रूप में आया था।