लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर गरीब के सिर पर छत की जो मुहिम शुरू की है, उसे बड़ी सफलता मिली है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत केंद्र सरकार से सीएम योगी ने 8 लाख से अधिक घरों की मांग की थी, जिसे मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने इन आवासों के निर्माण के लिए 10 हजार करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत कर ली है। इसका सीधा मतलब ये है कि अब प्रदेश के अतिरिक्त 8 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ मिल सकेगा। यहीं नहीं यह आवास मार्च 2024 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ग्रामीण विकास मंत्रालय का आभार प्रकट किया है। मालूम हो कि प्रदेश में अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 27 लाख आवास बनाए जा चुके हैं। आठ लाख से अधिक नये आवासों की स्वीकृति मिलते ही उत्तर प्रदेश देश में ऐसा राज्य हो गया है जहां सबसे ज्यादा 35 लाख से अधिक आवास ग्रामीण इलाके में बनेंगे।
केंद्र सरकार ने आवास के लिए जारी किए दस हजार करोड़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के गरीबों के लिए काफी चिंतित रहते हैं। उनकी यह चिंता समय-समय पर उनके संबोधन में झलकती भी है। उसी की एक बानगी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 8,62,767 नये आवास की मांग की थी। उनका यह प्रयास रंग लाया और केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सीएम योगी की मांग पर मुहर लगाते हुए 8,62,767 नये आवास को स्वीकृत करते हुए 10 हजार करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। सभी आवास मार्च 2024 तक बनकर तैयार हो जाएंगे। ऐसे में पूरे देश में उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य होगा जहां ग्रामीण इलाके में सबसे ज्यादा 35 लाख से अधिक आवास बनाए गए। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में पिछले साढ़े पांच साल में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 27 लाख आवास बनाए जा चुके हैं। इनमें से 26 लाख आवास लाभार्थियों को सौंपे भी जा चुके हैं। शेष पर कार्यवाही चल रही है। मालूम हो कि पूरे देश में कुल 2.95 करोड़ प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अकेले यूपी में 35 लाख आवास बनेंगे।