अयोध्या। रामनगरी अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुक्त सभागार में अयोध्या विजन 2047 के कार्यों की समीक्षा की। वर्तमान में यहां 35 विभागों की 30 हजार करोड़ की 260 परियोजनायें चल रही हैं। मुख्यमंत्री ने इन योजनाओं के आधार पर अयोध्या को विश्व स्तरीय नगर बनाने के लिए सभी विभागों से गुणवत्ता व समयबद्वता के साथ विशेष रूचि लेकर कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्वच्छ, आयुष्मान, भावात्मक, सुरम्य, सुगम्य, आधुनिक, सक्षम व सांस्कृतिक अयोध्या के रूप में समन्वित विकास करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री द्वारा लोक निर्माण, आवास विकास, चिकित्सा, ऊर्जा, संस्कृति, पर्यटन, राजस्व, पुलिस, नगर विकास, नियोजन, सिंचाई, एयरपोर्ट अथॉरिटी, परिवहन आदि विभागों की बिन्दुवार समीक्षा की गयी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग सड़कों एवं ओवरब्रिज के निर्माण सम्बंधी समस्याओं को तत्काल हल करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या के मुख्य मंदिर को जोड़ने वाले मुख्य 3 पथ है। जिसमें रामपथ सहादतगंज से नयाघाट, भक्ति पथ अयोध्या मुख्य मार्ग से जन्मभूमि तक का मार्ग तथा जन्मभूमि पथ सुग्रीव किला से रामजन्मभूमि तक के मार्ग के निर्माण आदि कार्यों का अवलोकन किया तथा कहा कि जिस कार्य के लिए शासन से धन प्राप्त हो गये हैं। उन पर तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। सहादतगंज और नयाघाट मार्ग रामपथ मार्ग के विलम्ब कार्यों पर सीएम ने पूछा कि दुकान आदि का सर्वे हो चुका है तो फिर उनके मुआवजे और उससे सम्बंधित जमीनों का बैनामा क्यों नही किया जा रहा है। इस पर तेजी से कार्य करें तथा अगले महीने के अंत तक इस कार्य में तेजी दिखनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या की तरफ पूरा देश देख रहा है। यदि भूमि अधिग्रहण आदि कार्रवाई शेष हो एवं मार्ग चौड़ीकरण कार्य में बाधा हो तो उसे तत्काल दूर करते हुये तेजी से कार्य हो। अयोध्या के विकास के लिए मुख्य मार्ग, भक्ति पथ एवं जन्मभूमि पथ पर भी तेजी लाने के निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर के अंदर कोई भी वाहन पार्किंग स्थल न विकसित किया जाय और बाहर के तरफ अन्तर्राज्यीय बस अड्डा डेवलप करने हेतु परिवहन विभाग एवं नगर निगम समयबद्व कार्यवाही करे।