नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान सामने आया है। आज लोकसभा में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि 9 दिसंबर 2022 को चीनी सैनिकों ने तवांग में LAC का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। जिसके बाद भारतीय सेना ने PLA को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। भारतीय जवानों के विरोध के बाद चीनी सैनिक वापस लौटने पर मजबूर हो गए।
आपको बता दें कि चीन का अरूणाचल प्रदेश के तवांग जिले को लेकर मंसूबा बार-बार सामने आता रहा है। इस बार भी चीनी सेना के मंसूबे कुछ ऐसे ही थे लेकिन भारतीय सैनिकों के सामने एक बार फिर चीनी सेना को मुंह की खानी पड़ी। चीनी लगभग 300 सैनिकों के साथ भारी तैयारी के साथ आए थे, लेकिन उन्हें भारतीय सेना के भी अच्छी तरह से तैयार होने की उम्मीद नहीं थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ 9 दिसंबर को भारतीय सेना के साथ संघर्ष के दौरान अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सेना के 300 से अधिक सैनिकों को भेजा गया था, लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी कि भारतीय पक्ष भी पूरी तरह से तैयार होगा। तवांग सेक्टर में आमने-सामने के क्षेत्र में तैनात भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया और झड़प में घायल हुए चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों से अधिक है।
घटना के बाद भारत के स्थानीय कमांडर ने चीनी पक्ष के कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की और पहले से तय व्यवस्था के तहत शांति और स्थिरता कायम करने पर चर्चा की। सेना के सूत्रों ने बताया कि तवांग में एलएसी के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां दोनों ही पक्ष अपना दावा करते हैं और यहां दोनों देशों के सैनिक गश्त करते हैं। यह ट्रेंड 2006 से चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, तवांग में आमने-सामने के क्षेत्र में भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया। घायल चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों की तुलना में कहीं अधिक है। सामने आया है कि इस झड़प में 20 भारतीय जवान घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी लाया गया है। चीनी लगभग 300 सैनिकों के साथ पूरी तरह से तैयार होकर आए थे, लेकिन उन्हें भारतीय पक्ष से मुस्तैदी की उम्मीद नहीं थी। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी से लगे कुछ क्षेत्रों पर भारत और चीन दोनों अपना-अपना दावा करते हैं। ऐसे में 2006 से इस तरह के मामले अक्सर सामने आते रहे हैं।
गौरतलब है कि 1 मई, 2020 को दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर झड़प हो गई थी। उस झड़प में दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे। यहीं से तनाव की स्थिति बढ़ गई थी। इसके बाद 15 जून की रात गलवान घाटी पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए।